पटना : दशहरा के मौके पर गांधी मैदान में आयोजित रावणवध कार्यक्रम के दौरान मची भगदड़ के समय वरीय अधिकारी घटनास्थल पर मौजूद नहीं थे. जांच टीम ने सीसीटीवी फुटेज में इसे स्पष्ट पाया है. टीम ने जांच पूरी कर ली है.
गृह सचिव आमिर सुबहानी व एडीजी (मुख्यालय) गुप्तेश्वर पांडेय की दो सदस्यीय टीम ने इस मामले की जांच हादसे के अगले सुबह ही शुरू कर दी थी, लेकिन अब तक सरकार को रिपोर्ट नहीं सौंपी गयी है. सूत्रों के अनुसार, जांच टीम ने लोगों व अधिकारियों से पूछताछ के बाद गांधी मैदान में लगे सीसीटीवी कैमरे के फुटेज को भी पुलिस कंट्रोल रूप में देखा है.
दो बार इन फुटेज को देखा है. इससे कई अधिकारियों द्वारा जांच टीम के समक्ष दर्ज कराये गये बयान की सच्चई का खुलासा हो गया है. हादसे के समय कई अधिकारियों ने जांच टीम के समक्ष दावा किया था कि वे उस समय गांधी मैदान में ही मौजूद थे, लेकिन एक बड़े होटल के निजी सीसीटीवी के फुटेज खंगाले गये, तो कई अधिकारियों के झूठ का परदाफाश हो गया.
जिस समय वे खुद को गांधी मैदान में मौजूद होने का दावा कर रहे थे, उस समय उन्हें इस होटल के सीसीटीवी फुटेज में देखा गया है. पूछताछ के दौरान पटना से हटाये गये तत्कालीन जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा व एसएसपी मनु महाराज ने जांच टीम के समक्ष मौखिक बयान के साथ लिखित बयान भी सौंपा था.
सूत्र बताते हैं कि उनके बयानों का सत्यापन गांधी मैदान और उसके समीप दो बड़े होटलों के सीसीटीवी फुटेज से किया गया है. उल्लेखनीय है कि इस हादसे में प्रशासनिक लापरवाही की जांच के लिए उपरोक्त दोनों अधिकारियों के नेतृत्व में एक जांच टीम का गठन किया था.