जदयू के साथ रिश्तों में आयी खटास के बीच गुरुवार की देर शाम भाजपा ने पटना में आपात बैठक की. प्रदेश अध्यक्ष मंगल पांडेय, उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी व राजग के प्रदेश संयोजक नंद किशोर यादव ने मंत्रियों और पार्टी पदाधिकारियों को कहा कि पार्टी गंठबंधन बनाये रखना चाहती है. कई केंद्रीय नेता जदयू नेताओं से लगातार बात कर रहे हैं. गंठबंधन तोड़ने का फैसला भाजपा को नहीं, जदयू को लेना है. दूसरी ओर, बदले राजनीतिक परिवेश में जदयू नेताओं के आवास पर भी गहमागहमी का माहौल रहा. गंठबंधन टूटने पर सरकार कैसे बने, इस अंकगणित को समझने के लिए संसदीय कार्य मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव व विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी ने लंबी वार्ता की. हालांकि, इस पर किसी ने औपचारिक बयान नहीं दिया.
पटना/नयी दिल्ली: भाजपा की आपात बैठक में पार्टी के विधायकों से लगातार संपर्क बनाये रखने का भी निर्णय लिया गया. इसमें भाजपा के सभी मंत्री व पदाधिकारी शामिल हुए. प्रदेश अध्यक्ष मंगल पांडेय, उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी व राजग के प्रदेश संयोजक नंद किशोर यादव ने मंत्रियों और पार्टी पदाधिकारियों से मौजूदा राजनीतिक हालातों पर घंटों चर्चा की. उन्होंने मंत्रियों और पार्टी पदाधिकारियों को बताया कि भाजपा गंठबंधन बनाये रखना चाहती है.
गंठबंधन का प्रमुख दल अकाली दल भी गंठबंधन को बनाये रखने के लिए जदयू नेताओं से लगातार संवाद कर रहा है. पार्टी पदाधिकारियों को उन्होंने लगातार अपने विधायकों से संपर्क बनाये रखने के लिए कहा. पदाधिकारियों से उन्होंने पार्टी की एकजुटता बनाये रखने की भी अपील की. बैठक में श्रम मंत्री जनार्दन सिंह सीग्रीवाल व स्वास्थ्य मंत्री अश्विनी चौबे को छोड़ सभी मंत्री व पदाधिकारी उपस्थित थे.
दिल्ली में भी रही हलचल
उधर, बुधवार को शांत रहनेवाले भाजपा का शीर्ष नेतृत्व गुरुवार को हलचल में आया. दोपहर भाजपा के पूर्व अध्यक्ष नितिन गडकरी व उपाध्यक्ष मुख्तार अब्बास नकवी ने जदयू अध्यक्ष शरद यादव के आवास पर जाकर उनसे मुलाकात की. पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह व वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी फोन पर ही शरद यादव व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से रिश्ते में आयी पेंच को सुलझाने का प्रयास किया. पार्टी प्रवक्ता निर्मला सीतारमन ने कहा कि जदयू के साथ भाजपा का सबसे पुराना गंठबंधन है और इसे जारी रखने के लिए पार्टी का शीर्ष नेतृत्व प्रयासरत है.