पटना: बिहार में फूड प्रोसेसिंग, डेयरी, कृषि व इससे जुड़े क्षेत्रों में अपार संभावनाएं हैं. जमीन की उपलब्धता नहीं होने के कारण बड़े उद्योगों को आने में परेशानी हो रही है. इस परेशानी को दूर करने के लिए प्रयास किये जा रहे हैं.
आधारभूत संरचना को दूर करने पर ही निवेश होंगे. यह बातें उद्योग विभाग के प्रधान सचिव नवीन वर्मा ने गुरुवार को होटल मौर्या में कहीं. श्री वर्मा सीआइआइ की ओर से आयोजित प्रधानमंत्री के मेक इन इंडिया कार्यक्रम की लांचिंग के बाद बोल रहे थे. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के प्रधान सचिव व्यास जी ने कहा कि उद्यमियों को जमीन आसानी से मिल सके, इसके लिए अधिनियम को सहज बनाने में दिशा में काम किया जा रहा है. किसके नाम पर जमीन है, इसे वेबसाइट पर डाला जा रहा है.
कार्यक्रम में ये थे मौजूद
आरबीआइ के क्षेत्रीय निदेशक मनोज कुवर्मा, एमएसएमइ के निदेशक प्रदीप कुमार, बीआइए के जीपी सिंह, सीआइआइ बिहार इकाई के अध्यक्ष शैलेंद्र सिन्हा, चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के एकेपी सिन्हा, भारत सरकार के सलाहकार जयंत दास गुप्ता, बिहार स्टेट प्लानिंग बोर्ड के चीफ एडवाइजर आलोक कुमार सिन्हा, श्रम संसाधन विभाग के सचिव संजय कुमार, बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के अध्यक्ष सुभाष चंद्र सिंह, बियाडा के एमडी बी राजेंद्र, बीआइए के उपाध्यक्ष निशिथ जायसवाल, चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष पीके अग्रवाल, यूवी ग्रुप के महाप्रबंधक सुजीत कुमार, बीआइए के पूर्व अध्यक्ष केपीएस केशरी, संजय गोयनका, संजय भरतिया आदि.