पटना: रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर उपेंद्र चौधरी को पांच लाख रुपये देना ममता देवी को महंगा पड़ गया. न उसे नौकरी मिली और न ही पैसा. उपेंद्र ने तीन लाख की सुपारी तय करके सुहेल हिंगोरा अपहरण कांड के आरोपित चंदन सुनार व दिलीप सिंह के गुर्गे हरेराम चौधरी से ममता की हत्या करा दी.
हरेराम को एडवांस में 50 हजार रुपये मिले थे. उसने शातिर अपराधी रवि धांगड़ व परमेश्वर धांगड़ के साथ मिल कर दो सितंबर की शाम आदर्श कॉलोनी में उसकी हत्या कर दी. एसएसपी मनु महाराज ने बताया कि करनौती गांव (महनार, वैशाली) निवासी उपेंद्र चौधरी के कहने पर हरेराम ने एक निजी कंपनी में काम दिलाने के लिए उसे बुलाया था और घटना को अंजाम दिया.
पुलिस ने बोरिंग कैनाल रोड, बोरिंग रोड चौराहा, राजापुल, एएन कॉलेज व इनकम टैक्स गोलंबर पर लगे सीसीटीवी कैमरे के वीडियो फुटेज खंगालना शुरू किया. इस दौरान बोरिंग रोड पर घटना के दिन एक व्यक्ति को चिह्न्ति किया गया, जिसकी गतिविधियां संदिग्ध लग रही थीं. इसके बाद उसका स्केच तैयार कर उसकी तलाश की जा रही थी. इस बीच पता चला कि जिसका स्केच तैयार कराया गया है, वह व्यक्ति गांधी मैदान के पास किसी से मिलने आया है. पुलिस ने उसे पकड़ा, तो उसकी पहचान हरेराम चौधरी के रूप में हुई.