पटना: मामला मसौढ़ी थाने का. घटना 1975 की. 38 वर्षो से कोर्ट का चक्कर लगाते हुए आरोपित जवानी से बुढ़ापे की दहलीज पर पहुंच गये. पुनपुन थाने के देवकली गांव निवासी शंकर पासवान व चंद्रदेव राम को 22 अप्रैल, 1975 को मसौढ़ी के तत्कालीन सहायक पुलिस अधीक्षक एन संधु पर जानलेवा हमले व बम से मार कर घायल करने का उस समय आरोप लगाया गया, जब वह दोनों को संदिग्ध रूप से घूमते हुए गिरफ्तार कर तलाशी ले रहे थे.
संधु की लिखित सूचना पर मसौढ़ी थाना कांड संख्या-31/75 (भादवि की धाराएं 307, 226/34 एवं 3/5 विस्फोटक पदार्थ अधिनियम के तहत) दर्ज किया गया था. इस मामले में शंकर पासवान के खिलाफ 19 अप्रैल, 1996 को कोर्ट द्वारा आरोप का गठन भी कर दिया गया है. लेकिन, आज तक कोर्ट में अभियोजन पक्ष द्वारा एक भी गवाह से गवाही नहीं करायी गयी है. कोर्ट द्वारा इस मामले में गवाही के लिए आइजी को भी पत्र लिखा जा चुका है.
सभी गवाह सरकारी कर्मी
इस मामले के सूचक एन संधु के अलावा गवाह एसआइ मदन सिंह, अजीज खान, दारोगा राज कुमार शर्मा, देवाश्रय सिंह, डॉक्टर व अनुसंधानकर्ता सभी सरकारी कर्मी हैं. यह मामला क ई अदालतों से स्थानांतरण के बाद वर्तमान में पटना के एडीजे-सात दानपाल सिंह की अदालत में लंबित है. घटना के समय दोनों आरोपित 18 से 20 वर्ष के युवक थे. 38 वर्ष बाद अब बूढ़े दिखने लगे हैं. न्याय के इंतजार में कोर्ट का चक्कर लगा रहे हैं.