पटना: बिहार-नेपाल का रिश्ता काफी पुराना है. आनेवाले दिनों में बिहार-नेपाल के व्यापारिक संबंध काफी मजबूत होंगे. ये बातें नेपाल के वीरगंज में पदस्थापित भारत की महावाणिज्यदूत अंजू रंजन ने मंगलवार को बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स में कहीं. उन्होंने कहा कि बिहार के व्यापारी व उद्यमी नेपाल आयें. नेपाल में काफी संभावनाएं हैं. जहां भी जरूरत होगी, उसमें हर संभव मदद की जायेगी.
वीरगंज चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष अशोक कुमार वैद्य ने कहा कि बिहार के हालात सुधरे हैं. पहले यह डर सताता था कि बिहार आकर नेपाल वापस लौट पायेंगे या नहीं. लेकिन, अब बिहार के मॉडल की बात नेपाल में होती है. नेपाल में मिनरल्स, टूरिज्म, एग्रीकल्चर, हेल्थ में निवेश कर सकते हैं. वीरगंज चैंबर के पूर्व अध्यक्ष अशोक कुमार तेमानी ने कहा कि नरेंद्र मोदी ने नेपाल दौरे के क्रम में कहा था कि नेपाल आने में 17 साल लग गये. हमलोगों को बिहार आने में 30 साल लग गये. बिहार का प्रयोग केवल ट्रांजिट के रुप में हो रहा है. यहां के उत्पादों का आयात-निर्यात होना चाहिए. रक्सौल से वीरगंज की दूरी तीन किलोमीटर है. इसमें चार-पांच दिन लग जा रहा है. रक्सौल में चैंबर को शाखा खोलने चाहिए.
भारत को मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा प्रदान करें : बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष पीके अग्रवाल ने कहा कि नेपाल सरकार भारत को मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा प्रदान करें. भारत और नेपाल के बीच पर्यटन को बढ़ाने की अनेक संभावनाएं हैं. जल्द ही बिहार चैंबर का प्रतिनिधिमंडल नेपाल जायेगा. जहां भी निवेश की संभावनाएं होगी, वहां निवेश किये जायेंगे. बिहार चैंबर और नेपाल से आये प्रतिनिधिमंडल ने एक-दूसरे को प्रतीक चिह्न् दिये. मौके पर नेपाल से आये एसएम अख्तर, अरुण राज सुमार्गी, प्रदीप कुमार केडिया, चुन नारायण श्रेष्ठ, अशोक झुनझुनवाला, जिवय कुमार, राजेंद्र औली, सौगात, बिहार चैंबर के उपाध्यक्ष सुभाष पटवारी, शशि मोहन, एकेपी सिन्हा, मुकेश जैन, ओपी साह आदि थे.