पटना: योजना एवं विकास मंत्री पीके शाही ने कहा कि योजनाओं के क्रियान्वयन में लापरवाही बरतने वालों पर कठोर कार्रवाई होगी, जबकि अच्छा काम करनेवाले पुरस्कृत होंगे. अधिकारियों से जनोपयोगी योजनाओं के क्रियान्वयन में संजीदगी बरतने को कहा.
उन्होंने कहा कि योजनाओं के क्रियान्वयन से स्थानीय लोगों को सुविधा मिलती है और हमें दुआ. वह प्रमंडलीय आयुक्त कार्यालय में समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे. बैठक में कई जिला योजना पदाधिकारी और कार्यपालक अभियंताओं के परफॉर्मेस पर असंतोष जताया और उन्हें काम में सुधार लाने की हिदायत दी. विभागीय मार्गदर्शिका का ठीक से अध्ययन व उसका अनुपालन सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया. अनावश्यक मामलों को उच्च स्तर पर रेफर नहीं करने की भी सलाह दी.
योजनाओं पर खर्च होंगे 1446 करोड़ : विभागीय सचिव पंकज कुमार ने बताया कि इस वर्ष संचालित योजनाओं पर 1446 करोड़ रुपये खर्च होंगे. विभागीय स्तर पर क्रियान्वित होने वाली योजनाओं की प्राक्कलित राशि 7.50 लाख से बढ़ा कर 15 लाख रुपये कर दी गयी है. उन्होंने आश्वस्त किया कि जिला चयन समिति द्वारा अनुशंसित योजनाओं की तकनीकी और प्रशासनिक स्वीकृति एक सप्ताह में मिलेगी. तकनीकी रूप से स्वीकृत योजनाओं की निविदा एक माह में पूरी होगी और काम शुरू होगा. उन्होंने कहा कि तय समय पर योजनाएं पूरी होंगी. डीएम के स्तर पर भूमि उपलब्ध करायी जायेगी. उन्होंने प्रमंडलीय आयुक्त डॉ. एन.विजय लक्ष्मी से अनुरोध किया कि वह बैठक में योजना एवं विकास विभाग की योजनाओं पर भी चर्चा करें. समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास योजना, ट्रांसफॉर्मर लगाना, सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास योजना, एकीकृत कार्य योजना, आपकी सरकार आपके द्वार, नवाचार निधि तथा राष्ट्रीय सम विकास व जिला विकास योजना पर चर्चा हुई. बैठक में पटना प्रमंडल के सभी छह जिलों के योजना पदाधिकारी, 11 कार्य प्रमंडलों के अधीक्षण व कार्यपालक अभियंता, क्षेत्रीय योजना पदाधिकारी, मुख्यालय के संयुक्त निदेशक उपस्थित थे.