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पटना : स्वास्थ्य मानकों में सुधार के लिए रैंकिंग
सेवाओं में सुधार के लिए शुरू होगा नया प्रयोग पटना : राज्य में स्वास्थ्य मानकों में सुधार के लिए अब प्रखंडों की रैंकिंग की तैयारी की जा रही है. प्रखंडों की रैंकिंग होने से 34 मानकों पर स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति का पता चलेगा. अब तक स्वास्थ्य विभाग द्वारा स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर जिला स्तर […]
सेवाओं में सुधार के लिए शुरू होगा नया प्रयोग
पटना : राज्य में स्वास्थ्य मानकों में सुधार के लिए अब प्रखंडों की रैंकिंग की तैयारी की जा रही है. प्रखंडों की रैंकिंग होने से 34 मानकों पर स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति का पता चलेगा. अब तक स्वास्थ्य विभाग द्वारा स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर जिला स्तर पर रैंकिंग की जाती थी.
राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक मनोज कुमार ने बताया कि मुख्यालय स्तर पर जिलों की रैंकिंग की जाती है. जिलों को निर्देश दिया गया है कि वह अपने जिले के अंदर प्रखंडों की रैंकिंग तैयार करें.
उन्होंने बताया कि जिन मानकों पर रैंकिंग तैयार की जाती है उनमें 800 अंक निर्धारित हैं. इसके इंडिकेटरों में गर्भवती महिलाओं का निबंधन, प्रसव पूर्व पहली तिमाही में महिलाओं का निबंधन, संस्थागत प्रसव, आधुनिक परिवार कल्याण के उपायों की दर, सिक न्यू बॉर्न केयर यूनिट में भर्ती बच्चों की संख्या, कितने दिन तक बच्चे भर्ती रहे, पूर्ण टीकाकरण, खून की कमी दूर करने में आयरन टैबलेट की आपूर्ति, एंबुलेंस का प्रतिदिन परिवहन की दर, पीएचसी स्तर पर प्रति लाख जनसंख्या में कितने लोगों को हर माह ओपीडी की सेवा मिलती है, कितने मरीजों का लैब टेस्ट किया जाता है, अल्ट्रासाउंड की उपयोगिता दर, टीबी के कितने मरीज का पता चला, टीबी और कालाजार मरीजों को दवा उपलब्ध कराना, ओपीडी दवाओं की उपलब्धता, पैसे का खर्च, आशा का प्रशिक्षण, आशा का भुगतान, कन्या उत्थान योजना का भुगतान और चिकित्सकों का ओपीडी में प्रदर्शन शामिल किया गया है.
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