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यूरोप में नौकरी छोड़ कर लौटने के बाद पांच वक्त का नमाजी बना IIT बॉम्बे से कंप्यूटर साइंस में एमटेक शरजील

पटना /जहानाबाद : नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान ‘भड़काऊ’ भाषण देने के आरोपित जेएनयू के शोधार्थी शरजील इमाम के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज होने के बाद गिरफ्तारी को लेकर पुलिस छापेमारी कर रही है. जेएनयू से पीएचडी की पढ़ाई कर रहे शरजील इमाम यूरोप में मोटी पगार की नौकरी छोड़ […]

पटना /जहानाबाद : नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान ‘भड़काऊ’ भाषण देने के आरोपित जेएनयू के शोधार्थी शरजील इमाम के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज होने के बाद गिरफ्तारी को लेकर पुलिस छापेमारी कर रही है. जेएनयू से पीएचडी की पढ़ाई कर रहे शरजील इमाम यूरोप में मोटी पगार की नौकरी छोड़ कर हमवतन लौटा है. इसके बाद शरजील ने जेएनयू में पीएचडी में दाखिला लेने के बाद इस्लामिक इलमों की ओर मुड़ता चला गया और पांच वक्त का नमाजी भी बन गया.

जानकारी के मुताबिक, आइआइटी बॉम्बे से कंप्यूटर साइंस में एमटेक की डिग्री हासिल करने के बाद शरजील सरहदों को पार कर यूरोप चला गया था. वहां मोटी पगार पर वह वर्षों तक नौकरी करता रहा. अरसे बाद वह हमवतन लौट आया और जेएनयू में पीएचडी करने के लिए दाखिला ले लिया. हमवतन लौटते ही शरलीज इमाम इस्लामिक इलमों की ओर मुड़ता चला गया. लोग कहते हैं कि अब तो वह पांचों वक्त का नमाजी भी बन गया है. अपनी धार्मिक पहचान को बुलंदी पर ले जाने के लिए शरजील इमाम ने उग्र बयानों और भड़काऊ भाषण का सहारा लेकर धर्म और मजहब को बदनाम करने में जुट गया. इस दौरान इसने कई न्यूज वेबपोर्टलों पर अपनी लेखनी के कारण भी छाया रहा. शरलीज इमाम ने आधुनिक युग की पढ़ाई की तालिम भले ही हासिल कर ली, लेकिन सोच में कट्टरता की झलक आती गयी. यही कारण रहा कि आज पुलिस उसे देश के कोने-कोने में ढूंढ़ रही है. सीएए और एनआरसी के विरुद्ध चल रहे आंदोलन में प्रमुख भूमिका निभाने से पहले शरजील ने कश्मीर से अनुच्छेद 370 के हटने के मुद्दे को लेकर भी काफी सक्रिय रह चुका है. वहीं, मॉब लिंचिंग के मुद्दे को भी देश भर में चर्चा का विषय बनाने में भी शरजील की भूमिका रही है. इसके फेसबुक वॉल पर भी पुलिस की पैनी नजर थी.

सोशल मीडिया पर दिया है अपना ब्योरा

सोशल मीडिया फेसबुक पेज पर शरजील ने अपना ब्योरा दिया है. उसने बताया है कि शरजील ने पटना के सेंट जेवियर हाईस्कूल से पढ़ाई पूरी करने के बाद दिल्ली के वसंतकुंज स्थित दिल्ली पब्लिक स्कूल से पढ़ाई की है. इसके बाद मुंबई से करीब 18 किमी दूर पवई में स्थित आईआईटी बॉम्बे से कंप्यूटर साइंट की पढ़ाई की. वह यूरोप के आईटी यूनिवर्सिटी ऑफ कोपेनहेगेन में प्रोग्रामर के पद पर काम कर चुका है. आईआईटी बॉम्बे में सहायक शिक्षक के तौर पर भी योगदान दे चुका है.

जहानाबाद में चल रहे आंदोलन का सूत्रधार है शरजील का भाई

केंद्र सरकार और सत्ताधारी दलों के लिए चिंता का विषय बना शाहीन बाग के पीछे शरजील की ही योजना बतायी जा रही है. शरजील इमाम ने अपने फेसबुक पेज पर विस्तार से शाहीन बाग प्रोटेस्ट कब और कैसे शुरू किया, इसके बारे में बताया है. धीरे-धीरे शाहीन बाग का प्रदर्शन पूरे देश में चर्चा में आ गया और उसी के तर्ज पर देश के विभिन्न शहरों में भी अनिश्चितकालीन धरना शुरू हो गया. जहानाबाद के ताज रेस्ट हाउस के पास पिछले कई दिनों से जारी अनिश्चितकालीन धरने के पीछे भी शरजील इमाम की प्रेरणा बतायी जाती है. शरजील इमाम का चचेरा भाई मुजम्मिल इमाम इस शांतिपूर्ण धरने का आयोजक बताया जाता है.

शरजील के परिवार का राजनीति से रहा है नाता

शरजील के परिवार के सदस्यों का राजनीति से नाता रहा है. उसके पिता मोहम्मद अकबर इमाम का इंतकाल करीब चार साल पहले हो गया था. वह स्थानीय पूर्व सांसद अरुण कुमार के काफी करीबी माने जाते हैं. अरुण कुमार जब समता पार्टी में थे, तब भी वह उनके साथ थे. उनके साथ ही वह जेडीयू में भी आये. 1999 में अरुण कुमार के सांसद बनने के बाद अकबर इमाम सियासत में किस्मत आजमाने के लिए उतरे और 2005 के विधानसभा चुनाव में जेडीयू के टिकट परजहानाबाद से चुनाव लड़ा था. हालांकि, चुनाव में अकबर इमाम हार गये. बाद में वह जेडीयू से अलग हो गये. हालांकि, मोहम्मद अकबर इमाम अपनी मौत से कुछ दिन पहले जेडीयू में लौट आये थे. शरजील इमाम का छोटा भाई पूर्व सांसद अरुण कुमार की पार्टी राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (सेक्युलर) का सदस्य है.

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