पटना/बिक्रम. : रानीतालाब थाना क्षेत्र के बेरर कटारी बांध के समीप अपराधियों ने शनिवार की सुबह आरटीआइ कार्यकर्ता पंकज कुमार (30) की गोली मारकर हत्या कर दी. अपराधियों ने उनकी गर्दन में गोली मारी थी. उनके पास रहा मोबाइल फोन व बैग गायब था. घटना स्थल से गोली का एक खोखा भी मिला है. शनिवार सुबह ग्रामीणों ने शव देखा, तो पुलिस को सूचना दी.
पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. पंकज के पास से मिले कागजात के आधार पर उनकी पहचान की गयी. और उसके पिता व रानीतालाब के जनपारा गांव निवासी निर्मल सिंह को मामले की जानकारी दी गयी. हालांकि परिजनों की ओर से प्राथमिकी दर्ज नहीं करायी गयी है.
पालीगंज डीएसपी मनोज कुमार पांडेय ने घटनास्थल पर आसपास के लोगों से पूछताछ की. पंकज ने बालू माफियाओं के खिलाफ कई शिकायतें की थीं और कई सूचनाएं आरटीआइ के माध्यम से मांगी थी. इसके कारण बालू माफियाओं पर हत्या कराने का शक किया जा रहा है.
मौसा के घर से लौट रहा था युवक
बताया जाता है कि दो दिन पूर्व पंकज का परिजनों से घरेलू विवाद हो गया था. इसके बाद वह भोजपुर जिले के सबलपुर गांव स्थित अपने मौसा के घर चले गये थे. शुक्रवार की रात वे यहां से निकले थे. पिता निर्मल सिंह ने बताया कि वह अपने मौसा के घर से निकला था तो उसके साथ एक काला बैग और मोबाइल भी था. घटनास्थल पर मोबाइल और बैग नहीं मिला है. पंकज की जेब से मात्र कुछ रुपये मिले हैं.
बाइक सवार अपराधियों ने दिया अंजाम
स्थानीय लोगों का कहना है कि शव के समीप
बाइक के टायर के निशान थे. ऐसे में आशंका है कि बाइक सवार अपराधियों ने घटना को अंजाम दिया था. यह भी आशंका है कि किसी ने विश्वास में लेकर हत्या कर दी है. पुलिस मामले का खुलासा करने के लिए पंकज के मोबाइल फोन का सीडीआर खंगाल रही है.
नहीं थी किसी से व्यक्तिगत दुश्मनी : पंकज के पिता निर्मल सिंह ने बताया कि उनका अपने कारोबार में किसी से व्यक्तिगत दुश्मनी नहीं है. हत्या का कारण पता नहीं चल पा रहा है. पंकज भाइयों में सबसे बड़े थे. उनकी पत्नी भी खुदकुशी कर चुकी है. दो छोटे भाई चंदन और नागा सिंह का बालू का कारोबार है.
चार साल पहले निर्मल सिंह के पास भी बालू घाट का ठेका था. ग्रामीणों ने बताया कि पंकज बालू माफियाओं के खिलाफ बराबर आवाज उठाता रहता था. उसने कई बार आरटीआइ से सूचना भी मांगी थी. इसके कारण बालू माफियाओं द्वारा भी इनकी हत्या करायी जा सकती है.
- बालू माफियाओं के खिलाफ मांगी थीं कई सूचनाएं
- परिजनों ने नहीं दर्ज करवायी प्राथमिकी
- एसएसपी ने किया विशेष टीम का गठन
- आरटीआइ एक्टिविस्ट की होती रही है हत्या
इनकी हो चुकी है हत्या
नाम जगह वर्ष
शशिधर मिश्रा बेगूसराय 2010
गोपाल प्रसाद बक्सर 2010
रामविलास सिंह लखीसराय 2011
डाॅ मुरलीधर जायसवाल मुंगेर 2012
राहुल कुमार कटिहार 2012
राजेश यादव गया 2012
रामकुमार ठाकुर कटिहार 2013
शिवशंकर झा सहरसा 2014
सुरेंद्र शर्मा मसौढ़ी 2015
गोपाल तिवारी गोपालगंज 2015
रामाकांत सिंह रोहतास 2016
मृत्युंजय सिंह भोजपुर 2017
जय कुमार वैशाली 2018
आरटीआइ एक्टिविस्ट की लगातार हो रही हत्या को लेकर मुख्यमंत्री काे ज्ञापन सौंपा जायेगा. साथ ही सुरक्षा को लेकर हाइकोर्ट में जनहित याचिका भी दायर की जायेगी. ऐसे मामले को लेकर गृह सचिव के नेतृत्व में सेल का गठन किया गया है, लेकिन कार्रवाई नहीं होती है. त्रिभुवन प्रसाद यादव, अध्यक्ष, ऑल इंडिया आरटीआइ एक्टिविस्ट एसोसिएशन