पटना: ऋण का मामला हो या क्रेडिट लिमिट बढ़ानी हो. ऐसे काम में अगर शाखा की ओर से विलंब होता है, तो जीएम व डीजीएम समेत सीजीएम को इ-मेल करें. इससे न सिर्फ वास्तविक फीडबैक मिलेगा, बल्कि काम भी आसान होगा.
ऐसे काम को प्राथमिकता पर निबटाया जायेगा. उद्यमियों को भी अनावश्यक परेशानी नहीं होगी. उक्त बातें एसबीआइ के मुख्य महाप्रबंधक, पटना सर्किल अजीत सूद ने बीआइए सभागार में कहीं. वह बीआइए की ओर से आयोजित इंटरेक्शन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. सीजीएम ने कहा कि जो उद्यमी या व्यापारी रेटिंग ठीक रखेंगे. ऐसे लोगों को ऋण देने में बैंक को भी आसानी होती है. इतना ही नहीं, हर ग्राहक अपनी सुविधानुसार अपनी कंपनी का ऑडिट देते हैं, यह ठीक नहीं है. तय समय पर ही इसकी जानकारी दें. फाइनेंसियल डाटा का समय निश्चत किया गया है.
बीआइए के अध्यक्ष अरुण अग्रवाल ने कहा कि उद्यमियों को ऋण मिलने में परेशानी होती है. इस पर ध्यान देने की जरूरत है. बीआइए के पूर्व अध्यक्ष शैलेंद्र पी.सिन्हा ने कहा कि बिहार में स्मॉल व मीडियम इंडस्ट्री को सही तरीके से सहायता नहीं मिल रही है. पूर्व अध्यक्ष केपीएस केसरी ने कहा कि राज्य सरकार ने कॉपर्स फंड का गठन किया है ताकि एसएमइ को फंडिंग मिल सके, लेकिन अब तक बीमार पड़े उद्योग शुरू नहीं हो सके हैं. सचिव संजय भरतिया ने कहा कि कई बॉरोअर को जानकारी नहीं है कि वे अपना रेटिंग कैसे ठीक करें. मौके पर एसबीआइ के महाप्रबंधक अभिजीत दत्ता, महाप्रबंधक सुजीत गुहा, डीजीएम विजय गोयल, बीआइए के उपाध्यक्ष जीपी सिंह, निशिथ जायसवाल, एसएस खादरिया व संजय गोयनका उपस्थित थे.