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पटना : आरोपित इंजीनियरों पर सरकार ने की कार्रवाई
ग्रामीण सड़क निर्माण में हुई लापरवाही पटना : राज्य के बांका, बक्सर और भागलपुर जिले में ग्रामीण सड़क बनाने और मरम्मत में लापरवाही के आरोपित इंजीनियरों पर कार्रवाई की गयी है. यह कार्रवाई विभाग की निगरानी टीम की जांच रिपोर्ट के बाद हुई है. इसके तहत वर्तमान में कार्यरत इंजीनियर की दो वेतन बढ़ोतरी रोकी […]
ग्रामीण सड़क निर्माण में हुई लापरवाही
पटना : राज्य के बांका, बक्सर और भागलपुर जिले में ग्रामीण सड़क बनाने और मरम्मत में लापरवाही के आरोपित इंजीनियरों पर कार्रवाई की गयी है. यह कार्रवाई विभाग की निगरानी टीम की जांच रिपोर्ट के बाद हुई है. इसके तहत वर्तमान में कार्यरत इंजीनियर की दो वेतन बढ़ोतरी रोकी गयी है.
वहीं रिटायर्ड इंजीनियर पर कार्रवाई के दौरान उनकी पेंशन की राशि में से प्रत्येक महीने 10 फीसदी की कटौती का निर्देश दिया गया है. यह कटौती पांच साल तक जारी रहेगी. विभागीय सूत्रों अनुसार ग्रामीण कार्य प्रमंडल बांका के तत्कालीन एक्सक्यूटिव इंजीनियर जावेद अशरफ पर अमरपुर प्रखंड के शाहपुर चौक से अमरपुर सड़क बनाने और मरम्मत में अनियमितता का आरोप है. विभाग की निगरानी टीम ने इसकी जांच की और चार दिसंबर, 2013 को उनसे स्पष्टीकरण की मांग की गयी. 10मार्च, 2014 को उनके द्वारा दिये स्पष्टीकरण से असंतुष्ट होकर 29 जून, 2016 से विभागीय कार्रवाई शुरू की गयी.
30 अक्तूबर 2019 को बीपीएससी की सहमति पर इनकी दो वेतन बढ़ोतरी रोक दी गयी है. वहीं कार्य प्रमंडल बक्सर के तत्कालीन असिस्टेंट इंजीनियर हरिशंकर प्रसाद सिंह पर बक्सर रोड एनएच-84 में प्रताप सागर से चिलहरी गांव तक सड़क मरम्मत की जांच ठीक तरीके से नहीं करने का आरोप है. इस संबंध में उनसे छह जून,2014 को स्पष्टीकरण पूछा गया था. इसका जवाब उन्होंने 11 जुलाई, 2014 को दिया. उनके जवाब से असंतुष्ट होकर उनपर विभागीय कार्रवाई शुरू की गयी.
इस संबंध में 14 अगस्त, 2019 को बीपीएससी से दंड प्रस्ताव स्वीकृत होने पर 54 हजार 995 रुपये की वसूली और उनकी पेंशन से अगले पांच साल तक 10 फीसदी की मासिक कटौती का निर्णय हुआ. साथ ही अभियंत्रण संगठन कार्य प्रमंडल-1 भागलपुर के तात्कालीन असिस्टेंट इंजीनियर ध्रुव प्रसाद मुंशी के विरुद्ध स्थानीय सड़कों को बनाने के समय मिट्टी भरायी में फर्जी भुगतान के लिए अनुशंसा करने और गलत मापी संबंधी अनियमितता का आरोप था. 26 जुलाई, 2011 को उनसे स्पष्टीकरण मांगा गया. इसका जवाब उन्होंने 18 नवंबर 2011 को दिया. विभागीय कार्रवाई के तहत बीपीएससी से इस संबंध में परामर्श मांगा गया. इसके बाद उनकी पेंशन से अगले पांच साल तक 10 फीसदी की मासिक कटौती का निर्णय हुआ.
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