पटना : अगर कोई दाखिल-खारिज के लिए ऑनलाइन आवेदन करता है और दाखिल-खारिज होने के बाद जानकारी मिलती है कि उसमें नाम, खाता नंबर या संबंधित किसी अन्य डाटा में गड़बड़ी हो गयी है, तो शिकायत करने पर सीओ स्तर से ही उसे ऑनलाइन सुधार कर दिया जायेगा. इसके लिए पुन:
आवेदन करने से लेकर पूरी प्रक्रिया फिर से नहीं अपनानी होगी. दरअसल, राज्य में म्यूटेशन के लिए प्रयोग किये जाने वाले साॅफ्टवेयर में राज्य एनआइसी सुधार कर कई नये फीचर को जोड़ रही है, जिन्हें राजस्व व भूमि सुधार विभाग के माध्यम से लागू किया जायेगा. संभवत: यह सुविधा दिसंबर माह से शुरू हो जायेगी.
अब एलपीसी के लिए भी ऑनलाइन आवेदन
ऑनलाइन म्यूटेशन सुधार के अलावा नये साफ्टवेयर में एलपीसी (लैंड पोजिशन सर्टिफिकेट) के लिए भी ऑनलाइन आवेदन करने की सुविधा रहेगी. राज्य में ऐसा पहली बार हो रहा है. जानकारी के अनुसार बैंक लोन, जमीन के व्यावसायिक उपयोग से लेकर अन्य कामों में एलपीसी की जरूरत पड़ती है, जिसे लेने के लिए अब तक ऑनलाइन सुविधा नहीं है. इसके लिए सीओ से लेकर डीसीएलआर कार्यालय का चक्कर लगाना पड़ता है. दिसंबर से ही इस नयी सुविधा को भी जोड़ा जा रहा है.
दिसंबर तक झेलनी होगी परेशानी
राजस्व व भूमि सुधार विभाग के अनुसार आने वाले एक माह तक ऑनलाइन म्यूटेशन आवेदन व ऑनलाइन जमाबंदी सुधार को लेकर समस्या होगी. विभाग नये साफ्टवेयर के साथ नये सिरे से सर्वर को स्थापित करने में लगा है. जानकारी के अनुसार बेल्ट्रान भवन के ऊपर बने स्टेट डाटा सेंटर में वर्तमान में आठ अतिरिक्त सर्वर जोड़े गये हैं.
इनकी संख्या आने वाले दिनों में और बढ़ायी जायेगी. अब म्यूटेशन व जमाबंदी के लिए पूरे राज्य का डाटा यहीं संगृहीत होगा. गौरतलब है कि वेबसाइट की गड़बड़ी व लगातार आवेदन लेने की प्रक्रिया बंद करने से पूरे राज्य भर में लंबित मामलों की संख्या बढ़ गयी है. फिलहाल म्यूटेशन में नौ लाख से बढ़ा कर 11 लाख मामले लंबित होने की जानकारी है. इसके अलावा ऑनलाइन जमाबंदी सुधार में भी लंबित मामलों की संख्या 1.5 करोड़ तक पहुंच गयी है.