पटना : प्रमंडलीय आयुक्त संजय कुमार अग्रवाल के निर्देश पर चलाये जा रहे अभियान के तहत बुधवार को बादशाही पइन व नाले से अतिक्रमण हटाया गया. इस दौरान संपतचक अंचल अंतर्गत शेखपुरा, फुलवारीशरीफ अंचल अंतर्गत पकड़ी, एतवारपुर में बादशाही नाला पर तथा दानापुर अंचल अंतर्गत आरके पुरम क्षेत्र में अतिक्रमण हटाया गया.
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नाले से हटा अतिक्रमण, 24 मकान टूटे
पटना : प्रमंडलीय आयुक्त संजय कुमार अग्रवाल के निर्देश पर चलाये जा रहे अभियान के तहत बुधवार को बादशाही पइन व नाले से अतिक्रमण हटाया गया. इस दौरान संपतचक अंचल अंतर्गत शेखपुरा, फुलवारीशरीफ अंचल अंतर्गत पकड़ी, एतवारपुर में बादशाही नाला पर तथा दानापुर अंचल अंतर्गत आरके पुरम क्षेत्र में अतिक्रमण हटाया गया. इस दौरान शेखपुरा […]
इस दौरान शेखपुरा मौजा में बादशाही नाले पर बना पांच अतिक्रमित पांच मंजिला मकान को आंशिक रूप से तोड़ा गया. अब तक इस अंचल में कुल 55 अतक्रिमण हटाये गये हैं, जिसमें 46 स्थायी अतक्रिमित बहुमंजिला इमारत हटाया गया तथा 04 अस्थायी एवं 05 बहुमंजिला मकान को आंशिक रूप से तोड़ा जा चुका है.
फुलवारीशरीफ के एतवारपुर में तोड़े गये 12 मकान : फुलवारीशरीफ अंचल के मौजा पकड़ी के एतवारपुर में 12 स्थायी बहुमंजिला पक्का मकान को आंशिक रूप से तोड़ा गया है.
ऐसे मकानों को पूर्ण रूप से तोड़ने के लिए जेसीबी मशीन एवं पोकलेन अतिक्रमित मकान तक पहुंचाने का रास्ता बनाया जा गया है. अब तक कुल 32 अतिक्रमण हटाया गया है, जिसमें 12 स्थायी बहुमंजिला अतिक्रमित मकान तोड़ा गया तथा 8 अस्थायी अतक्रिमण को हटाया गया एवं 12 बहुमंजिला मकान को आंशिक रूप से तोड़ा गया है.
दानापुर में आठ मकान तोड़े गये : दानापुर अंचल अंतर्गत आरके पुरम में बुधवार को एक स्थायी बहुमंजिला पक्का मकान को आंशिक रूप से एवं 06 अस्थायी अतिक्रमण को तोड़ा गया. दानापुर अंचल में अब तक चिह्नित मकानों की कुल संख्या-76 है. अब तक कुल 76 अतक्रिमण हटाया गया.
जिम्मेदार अधिकारियों पर कब होगी कार्रवाई
पटना. पटना सदर, फुलवारीशरीफ, दानापुर, संपतचक इलाके में बादशाही पइन पर खड़े किये गये करोड़ों के मकान अब तक टूट चुके हैं. अभी अभियान जारी है. जिस तरह से अतिक्रमण के मामले सामने आ रहे हैं. उससे ऐसा लग रहा है कि अतिक्रमण के वक्त जिला प्रशासन ने आंखें बंद कर ली थी.
पिछले कई सालों से बादशाही पइन की सुधि नहीं ली गयी थी. नाले की उड़ाही और चौड़ीकरण, अतिक्रमण को हटाने पर ध्यान नहीं दिया गया. प्रशासन तब जागा है जब जमजमाव हुआ. अब अतिक्रमण तो हटाया जा रहा है, लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों पर आखिर कार्रवाई कब होगी.
नहीं हुई निगरानी, अब तोड़े जा रहे मकान
अगर प्रतिवर्ष बादशाही पइन की निगरानी हुई रहती तो उसकी उड़ाही भी होती और अतिक्रमण भी इतने बड़े पैमाने पर नहीं हो पाता. लेकिन वक्त पर निगरानी नहीं हुई.
सूत्रों कि मानें तो नाले की जमीन या सरकारी जमीन पर अतिक्रमण कराने में विभाग के अधिकारियों का ही हाथ है. सरकारी जमीन पर नक्शे पास हो गये. रजिस्ट्री हो गयी. बिजली के कनेक्शन दे दिये गये. सरकारी सभी सुविधाएं दे दी गयी, लेकिन किसी ने यह नहीं जाना कि जमीन सरकारी है या निजी. अब उन लोगों के मकान तोड़े जा रहे हैं जो अतिक्रमण में हैं.
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