23.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

पटना : वायु प्रदूषण से पशुओं में बढ़ीं बीमारियां, पक्षी भी झेल रहे दंश

पटना : शहर में इन दिनों वायु प्रदूषण के दंश से मवेशी और पक्षी भी अछूते नहीं हैं. वायु प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ने से दुधारू पशुओं में निमोनिया और पालतू कुत्तों व बिल्लियों में खूनी दस्त की बीमारी बढ़ गयी है. इन बीमारियों में 30% तक का इजाफा हुआ है. बिहार वेटनरी काॅलेज के […]

पटना : शहर में इन दिनों वायु प्रदूषण के दंश से मवेशी और पक्षी भी अछूते नहीं हैं. वायु प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ने से दुधारू पशुओं में निमोनिया और पालतू कुत्तों व बिल्लियों में खूनी दस्त की बीमारी बढ़ गयी है. इन बीमारियों में 30% तक का इजाफा हुआ है. बिहार वेटनरी काॅलेज के विशेषज्ञों के मुताबिक वातावरण में नमी की मात्रा में बढ़ोतरी होने से धूल के ठोस और बारीक कण हवा में बहुत ऊंचाई तक नहीं जा पा रहे हैं.
इससे मवेशियों को न केवल सांस लेने में दिक्कत आ रही है, बल्कि उन्हें जीवाणु और वायरल जनित रोग भी अधिक परेशान कर रहे हैं. विशेषज्ञों के मुताबिक वातावरण के वर्तमान परिदृश्य में पालतू पशुओं और पक्षियों में सांस और बुखार से जुड़ी बीमारियां कई गुना बढ़ गयी हैं. इसके अलावा उनके त्वचा रोग की पीड़ा भी बढ़ी है. इस तरह इन दिनों अगर पशुओं को अधिक छींक रहा है और वे पतले दस्त और बुखार से पीड़ित हैं, तो समझ लेना चाहिए कि वे वायु प्रदूषण से पीड़ित हैं.
पेट्स पर असर-पालतू कुत्तों और बिल्लियों में पारभो वायरल का संक्रमण तेजी से बढ़ा है. वायु प्रदूषण की वजह से यह वायरल कई गुना अधिक प्रभावी हो गया है. इसकी वजह से कुत्तों को उल्टी और पतले दस्त शुरू हो जाते हैं. ऐसे केसों में अप्रत्याशित इजाफा हुआ है. पटना वेटनरी कालेज की ओपीडी में आयी रिपोर्ट के मुताबिक कुत्तों में खासतौर पर खूनी दस्त के केस भी शामिल हैं. कई केसों में कुत्तों के मुंह से भी रक्त निकलता देखा गया है.
पालतू पक्षियों पर पर भी असर — पटना शहर में पालतू पक्षियों में अधिकतर तोता और कबूतर हैं. पालतू तोताें की संख्या दो हजार से अधिक बतायी जा रही है. वेटनरी चिकित्सकों का आकलन है कि पक्षियों में भी आदमी की तरह एलर्जी का स्तर बढ़ा हुआ है. ऐसे कई केस ओपीडी में आ रहे हैं.
दूध उत्पादन पर भी असर
बिहार वेटनरी कॉलेज की ओपीडी रिपोर्ट के मुताबिक इन दिनों गाय और भैंस जैसे दुधारू मवेशियों में निमोनिया के केस बढ़े हैं. इसके अलावा मवेशियों में सांस संबंधी दूसरी बीमारियां भी बढ़ी हैं. ओपीडी में इन रोगों से पीड़ित पशुओं की संख्या में 20 से 30% इजाफा हुआ है. इन बीमारियों के चलते दूध उत्पादन पर असर पड़ना स्वाभाविक है.
एक्सपर्ट व्यू
निश्चित तौर पर वायु प्रदूषण ने दूधारू और दूसरे पालतू जानवरों के स्वास्थ्य को प्रभावित किया है. वायु प्रदूषण से वायरस तेजी से फैल रहे हैं, जिससे पालतू कुत्तों में खूनी दस्त और उल्टी के केस बढ़ गये हैं. दरअसल, वातावरण में नमी की अधिक मात्रा से धूल और दूसरे कण अधिक ऊंचाई पर नहीं जा पा रहे, इसलिए मवेशी अधिक पीड़ित हो रहे हैं.
-डाॅ रनवीर कुमार सिन्हा, सहायक प्राध्यापक, बिहार वेटनरी काॅलेज, पटना

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें