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पटना : शहर के 20 पार्कों में न टॉयलेट और न यूरिनल

मूलभूत सुविधाएं नहीं होने से बुजुर्गों, महिलाओं और बीमार लोगों को होना पड़ता है परेशान पटना : पटना में 20 पार्क ऐसे हैं, जिसमें न टॉयलेट है और न ही यूरिनल. इससे वहां आने जाने वाले लोगों को परेशानी हो रही है. खासकर बुजुर्गों, महिलाओं और बीमार लोगों के लिए यह एक बड़ी असुविधा बनी […]

मूलभूत सुविधाएं नहीं होने से बुजुर्गों, महिलाओं और बीमार लोगों को होना पड़ता है परेशान
पटना : पटना में 20 पार्क ऐसे हैं, जिसमें न टॉयलेट है और न ही यूरिनल. इससे वहां आने जाने वाले लोगों को परेशानी हो रही है. खासकर बुजुर्गों, महिलाओं और बीमार लोगों के लिए यह एक बड़ी असुविधा बनी हुई है.
नगर निगम और बुडको से पिछले वर्ष 70 पार्कों का रखरखाव वन व पर्यावरण विभाग के पार्क डिविजन को सौंपा गया. इनमें 26 पार्कों का विकास कार्य पूरा हो गया है और रखरखाव बेहतर है. शेष बचे 44 पार्कों में से 24 की स्थिति थोड़ी ठीक है. वहां सफाई, सिंचाई के लिए जलस्रोत, पेयजल, टायलेट व यूरिनल जैसी मूलभूत सुविधाएं हैं. लेकिन 20 पार्कों में इनकी भी कमी होने से आने जाने वालों को बहुत परेशानी हो रही है.
मधुमेह के मरीजों को हो रही सबसे अधिक परेशानी
पार्क में यूरिनल नहीं होने से मधुमेह के मरीजों को सबसे अधिक परेशानी हो रही है. पार्कों में सुबह या शाम में टहलने वालों में सबसे अधिक संख्या मधुमेह के मरीजों की होती है, क्योंकि रक्त में शूगर का स्तर कम करने के लिए यह दवा से भी अधिक कारगर माना जाता है और हर चिकित्सक इसकी सलाह देता है.
खून में शूगर की मात्रा बढ़ी होने पर जल्द पेशाब लगना भी एक सामान्य समस्या है, जिसे मधुमेह मरीजों के लिए नियंत्रित करना संभव नहीं होता. ऐसे में यूरिनल जैसी छोटी सुविधा भी नहीं होने से सबसे अधिक परेशानी उन्हें ही होती है और न चाहतेे हुए भी आसपास की दीवारों को गंदा करना पड़ता है.
पार्कों के रखरखाव का जिम्मा वन व पर्यावरण विभाग के पास
26 पार्कों का सौंदर्यीकरण
26 पार्कों का सौंदर्यीकरण पूरा हो गया है. पेड़ पौधे लगाने के साथ उनके सिंचाई के लिए नियमित जलस्रोतों की व्यवस्था भी की गयी है. साथ ही लोगों के टहलने के लिए पाथ वे बनाये गये हैं. कुछ जगह पर बच्चों के मनोरंजन और उछल कूद के चाइल्ड कॉर्नर भी बनाये गये हैं जहां स्लाइडर, झूले आदि लगाये गये हैं. साथ ही आेपेन जिम भी बनाये गये हैं.
फरवरी-मार्च तक मूलभूत सुविधाओं का विकास कर लेंगे
पार्क डिविजन के डीएफओ शशिकांत कुमार ने बताया कि नगर विकास से हम लोगों को इस महीने के अंत तक पैसा मिलने वाला है. उसके मिलते ही अविकसित पार्कों में तेजी से काम शुरू कर देंगे और अगले वर्ष फरवरी मार्च तक सभी पार्कों में मूलभूत सुविधाओं का विकास कर लेंगे. साथ ही, उनके सौंदर्यीकरण का काम भी होगा.

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