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धनतेरस पर हुई धनवर्षा, राज्य सरकार को 145 करोड़ का राजस्व मिला

सुबोध कुमार नंदन, पटना : धनतेरस पर शुक्रवार को पूरे राज्य में लगभग 2168 करोड़ रुपये की धनवर्षा हुई. इससे राज्य सरकार को जीएसटी के तहत लगभग 145 करोड़ रुपये की राजस्व की प्राप्ति हुई. एक दिन में हुई यह कर अपने आप में एक रिकार्ड है. वरीय चार्टर्ड एकाउंटेंट राजेश कुमार खेतान के अनुसार […]

सुबोध कुमार नंदन, पटना : धनतेरस पर शुक्रवार को पूरे राज्य में लगभग 2168 करोड़ रुपये की धनवर्षा हुई. इससे राज्य सरकार को जीएसटी के तहत लगभग 145 करोड़ रुपये की राजस्व की प्राप्ति हुई. एक दिन में हुई यह कर अपने आप में एक रिकार्ड है. वरीय चार्टर्ड एकाउंटेंट राजेश कुमार खेतान के अनुसार धनतेरस पर लगभग 2168 करोड़ रुपये की हुई कारोबार से राज्य सरकार के साथ केंद्र सरकार को भी लगभग 145- 145 करोड़ रुपये की राजस्व की प्राप्ति हुई है. सरकार को सबसे अधिक राजस्व ऑटो मोबाइल सेक्टर से हुई है.

धनतेरस पर ऑटो सेक्टर ने लगभग 625 करोड़ रुपये का कारोबार किया. इस सेक्टर पर 28 फीसदी जीएसटी लगता है. इससे 74 करोड़ रुपये बिहार सरकार को कर के रूप में राजस्व मिला. इलेक्ट्रॉनिक्स मार्केट में लगभग 400 करोड़ रुपये की कारोबार हुई. इससे राज्य सरकार को लगभग 35 करोड़ रुपये की राजस्व मिली. इलेक्ट्रानिक्स उत्पाद पर 12 से 18 फीसदी का जीएसटी लगाता है.
जबकि, सर्राफा बाजार से लगभग 10 करोड़, बर्तन कारोबार से 5 करोड़ और रियल एस्टेट से 5 करोड़ रुपये की राजस्व प्राप्ति हुई. इसके साथ ही मोबाइल कारोबार से लगभग 5 करोड़, फर्नीचर कारोबार से 6 करोड़ रुपये तथा लाइट, लैपटॉप, कपड़ा और अन्य कारोबार से लगभग पांच करोड़ रुपये राजस्व के रूप में राज्य सरकार को मिलने का अनुमान है.
कारोबार को मिला संबल
खेतान की मानें तो बिहार में उस तरह की आर्थिक मंदी नहीं दिखी, जिसकी चर्चा आजकल जोरों पर हैं. वहीं, वित्त मामले के जानकार कहते हैं कि इससे पता चलता है कि बिहार में मंदी की वह स्थिति नहीं है जो मीडिया में दिखाया जा रहा है.
इन सबके बीच जाने-माने अर्थशास्त्री डीएम दिवाकर ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि एक दिन में 2168 करोड़ रुपये की कारोबार होने से राज्य की आर्थिक मंदी दूर हो गयी है, एेसा नहीं है. हां, इतना जरूर है कि मंदी के बीच धनतेरस के आने से कारोबार को कुछ संबल मिला है.

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