पटना : पटना विश्वविद्यालय को नैक में बी प्लस मिला है, जबकि पीयू ने नैक के लिए काफी अच्छा प्रयास किया था और कई सारे सुधार विगत दिनों में किये गये थे. फिर भी कुछ कमियों की वजह से विवि को लो ग्रेड मिला. कुलपति प्रो रास बिहारी सिंह ने इसके विरुद्ध अपील करने की बात कहीं है. दूसरी तरफ कॉलेजों का हाल तो उससे भी बुरा है. कॉलेजों में नैक की तैयारी बहुत सुस्त है. अगर यही गति रही तो कॉलेजों को भी न लो ग्रेड मिल जाये.
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कॉलेजों में नैक तैयारी की गति सुस्त
पटना : पटना विश्वविद्यालय को नैक में बी प्लस मिला है, जबकि पीयू ने नैक के लिए काफी अच्छा प्रयास किया था और कई सारे सुधार विगत दिनों में किये गये थे. फिर भी कुछ कमियों की वजह से विवि को लो ग्रेड मिला. कुलपति प्रो रास बिहारी सिंह ने इसके विरुद्ध अपील करने की […]
क्योंकि वर्तमान में नैक के मानक काफी हाइ हैं और थोड़ी भी कोताही होने पर नैक में बेहतर ग्रेड संभव नहीं है. कॉलेजों में स्थिति यह है कि नैक के लिए जो सुविधाएं और एक्टीविटीज चाहिए उनमें वे काफी
पिछड़े हुए हैं.
एक-दो महीने के भीतर हर कॉलेज में नैक टीम की विजिट होगी
पीयू में लगभग सभी कॉलेजों में नैक की टीम का विजिट सितंबर, अक्तूबर, नवंबर महीने में होगा. इतने कम समय में जिस तरह से तैयारी चल रही है उससे तो बेहतर ग्रेडिंग मिलेगी एेसा संभव नहीं लग रहा है. कॉलेजों में कोई बड़ा सुधार देखने को नहीं मिल रहा है. सायंस कॉलेज छोड़कर किसी भी कॉलेज में कैंटीन व मेस तक नहीं है. लैब-लाइब्रेरी की स्थिति भी बेहतर नहीं है.
इ-लाइब्रेरी भी कॉलेजों में नहीं है. सुविधाओं की भी काफी कमी है. भवन का रखरखाव भी उस तरह का नहीं दिख रहा है. कई जगह जर्जर स्थिति में छात्र पढ़ाई कर रहे हैं. कुछ जगहों पर बिहार एजुकेशन इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलमेंट कॉरपोरेशन (बीइआइडीसी) के द्वारा काम किया भी गया है तो वहां से लगातार लो क्वालिटी वर्क की शिकायतें मिल रही हैं. कॉलेजों को नैक के लिए फंड देने की बात कहीं गयी थी लेकिन न तो सरकार से फंड मिला है और न ही विवि से ही फंड की प्राप्ति हुई है.
शोध के मामले में पिछड़ गया पटना विश्वविद्यालय : पटना विश्वविद्यालय को बी ग्रेड मिलने का कारण जो अब तक सामने आ रहा है कि शोध के मामले में पीयू की ग्रेडिंग डाउन चली गयी. क्योंकि विगत कुछ वर्षों से शोध रुकी हुई थी और कोई उस तरह का शोध सामने नहीं आया जो थोड़ा अलग हो. हालांकि इस संबंध में वर्तमान में शोध को लेकर कई सारे सुधार किये गये हैं लेकिन इसका परिणाम बाद में परिलक्षित होगा.
नैक को लेकर कैंटीन और इ-लाइब्रेरी का टेंडर हो चुका है. इसके अलावा भी पार्क को डेवलप किया जा रहा है. कई काम कराये जा रहे हैं. हमें बेहतर ग्रेडिंग की उम्मीद है.
प्रो रामा शंकर आर्या, प्राचार्य, पटना कॉलेज
नैक को लेकर कॉलेज के द्वारा सरकार से राशि मांगी गयी थी लेकिन अब तक कोई सहायता नहीं मिली. जनप्रतिनिधियों से आग्रह करके उनके फंड से कॉलेज में जरूरी काम जैसे सड़क बनवाया गया है, ग्राउंड को ठीक कराया गया है. बीइआइडीसी के द्वारा अब तक हॉस्टल का काम शुरू नहीं किया गया है जबकि राशि सैंक्शन हो चुकी है.
प्रो राजकिशोर प्रसाद, प्राचार्य, बीएन कॉलेज
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