पटना : बिहार पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने शहरी क्षेत्र में ग्रीन बेल्ट के मानकों को प्रभावी तौर पर लागू करने के लिए कार्य योजना तैयार की है. कार्य योजना के तहत ग्रीन बेल्ट में प्रति एकड़ छह सौ पेड़ होना अनिवार्य है. इसके अलावा इस कार्य योजना के तहत लंबे और सदाबहार पौधों का 5 मीटर चौड़ा ग्रीन बेल्ट में आवश्यक तौर पर होनी चाहिए.
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शहरी ग्रीन बेल्ट के लिए 600 पेड़ प्रति एकड़ होना जरूरी
पटना : बिहार पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने शहरी क्षेत्र में ग्रीन बेल्ट के मानकों को प्रभावी तौर पर लागू करने के लिए कार्य योजना तैयार की है. कार्य योजना के तहत ग्रीन बेल्ट में प्रति एकड़ छह सौ पेड़ होना अनिवार्य है. इसके अलावा इस कार्य योजना के तहत लंबे और सदाबहार पौधों का 5 […]
दरअसल वायु प्रदूषण कम करने और हीट आइलैंड में तब्दील होते शहर के पर्यावरण के संतुलन के लिए ऐसा करना जरूरी हो गया है. हाल ही में प्रदूषण के तौर पर एक नया खतरा भी सामने आया है. इसमें शहरी प्रदूषण में ओजोन और कार्बन गैसों का उत्सर्जन नयी चुनौती है. बोर्ड का मानना है कि इसे नियंत्रित करने के लिए ग्रीन बेल्ट बेहद जरूरी हैं.
उल्लेखनीय है कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण की शर्तों के अनुसार शहर के भू भाग में 33 फीसदी पर ग्रीन बेल्ट अनिवार्य होगा. दिलचस्प बात ये है कि ये बात किसी से छिपी नहीं है कि शहर के तीन-चौथाई ग्रीन बेल्ट पहले ही खत्म हाे चुका है.
फिलहाल शहर में ग्रीन बेल्ट विकास पर पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड भी खास नजर रखेगा. यहां बता दें कि शहरी ग्रीन बेल्ट उजाड़ने में सरकारी एजेंसियों का भी बड़ा हाथ है. दरअसल पटना में सड़कों के किनारे दस हजार से अधिक पेड़ अभी तक काटे जा चुके हैं, उसकी एवज में अभी तक प्रभावी पौध रोपण नहीं हो सका है.
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