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पटना जीपीओ में 50 लाख रुपये से अधिक का घोटाला

सुबोध कुमार नंदन डाक सहायक निलंबित, कई कर्मी भी घेरे में पटना : पटना जीपीओ में 50 लाख रुपये से अधिक के घोटाले का मामला उजागर हुआ है. यह घोटाला फिक्स्ड डिपॉजिट और मंथली इनकम स्कीम से जुड़ा है. कर्मचारियों ने वैसे खाताधारकों को निशाना बनाया, जिस खाते में सालों से किसी तरह का ट्रांजेक्शन […]

सुबोध कुमार नंदन
डाक सहायक निलंबित, कई कर्मी भी घेरे में
पटना : पटना जीपीओ में 50 लाख रुपये से अधिक के घोटाले का मामला उजागर हुआ है. यह घोटाला फिक्स्ड डिपॉजिट और मंथली इनकम स्कीम से जुड़ा है.
कर्मचारियों ने वैसे खाताधारकों को निशाना बनाया, जिस खाते में सालों से किसी तरह का ट्रांजेक्शन नहीं हुआ था. सभी निकासी मैनुअल खाते से की गयी है. इसको लेकर कर्मचारियों और अधिकारियों में शनिवार को हड़कंप रहा. जांच के बाद इस जालसाजी की राशि आैर बढ़ने की आशंका है. इस मामले में प्राथमिक तौर पर डाक सहायक मुन्ना कुमार को निलंबित कर दिया गया है, क्योंकि उसने घोटाले में शामिल होने की बात स्वीकार कर ली है.
इसके अलावा इस घोटाले में सहायक डाकपाल राजेश कुमार शर्मा और सुजय तिवारी के शामिल होने की बात सामने आयी है. इन दोनों कर्मचारियों से गहन पूछताछ की जा रही है. घोटाले की जांच को लेकर एसबी हॉल बंद रखे जाने से लगभग 300 लोग शनिवार को निराश लौटे.
दिनभर चलती रही जांच -पड़ताल : शनिवार को दिनभर रिकार्ड सीज करने और कर्मचारियों से पूछताछ का काम चलता रहा. इस जांच-पड़ताल में पटना जीपीओ के चीफ पोस्ट मास्टर राजदेव प्रसाद,
उप चीफ पोस्ट मास्टर अरुण कुमार झा, आरएन शर्मा और डाक निरीक्षक तबरेज आलम शामिल हैं. जांच को ले एक दर्जन पुलिस बल की तैनाती की गयी थी. जांच के दौरान जांच टीम में शामिल अधिकारियों के अलावा किसी को प्रवेश करने नहीं दिया गया. इसके कारण पटना जीपीओ में अफरातफरी का माहौल बना रहा. इससे पूर्व शुक्रवार को देर रात तक जांच अधिकारियों के बीच मंथन चला था.
जांच प्रक्रिया अभी पहले स्टेज में है. लेकिन शुरुआती तौर पर अब तक जो साक्ष्य मिले हैं, उससे लगता है कि यह घोटाला लाखों में हो सकता है. जांच के बाद ही पता चलेगा कि जालसाजी के लिए कौन-कौन सा तरीके को अपनाया गया है. जहां तक एफआइआर का सवाल है, आंतरिक जांच के बाद किया जायेगा. वैसे प्राथमिक तौर पर डाक सहायक मुन्ना कुमार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है.
-राजदेव प्रसाद, चीफ पोस्ट मास्टर,पटना जीपीओ
सीबीएस से उजागर
कोर बैंकिंग सॉल्यूशंस (सीबीएस) सिस्टम के कारण मामला जल्द में प्रकाश में आया, वरना यह घोटाला कभी उजागर नहीं हो पाता. ज्ञात हो कि फरवरी 2015 में डाक विभाग के सभी डाकघरों को कोर बैंकिंग सॉल्यूशंस से जोड़ा गया है.
उपभोक्ता की शिकायत के बाद हुई जांच
उपभोक्ता से लिखित शिकायत मिलने के बाद पटना जीपीओ ने कमेटी बनायी . इसके बाद कर्मचारियों के कंप्यूटर की जांच की गयी. जांच के दौरान वर्षों से बंद एफडी और मंथली इनकम स्कीम से निकासी का मामला प्रकाश में आया. लेकिन सूत्रों के अनुसार इस तरह की अवैध निकासी अन्य स्कीम से भी होने की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता है. इतना बड़ा घोटाला किसी बड़े अधिकारियों के बिना संभव नहीं है. इसमें बचत बैंक नियंत्रण शाखा के कर्मचारी के होने की पूरी आशंका है.

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