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बिहार में श्रम बल में 4.6% घटी महिलाओं की हिस्सेदारी, जानें वजह
राजदेव पांडेय राष्ट्रीय सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन विभाग की सर्वे रिपोर्ट पटना : बिहार में श्रम बल में महिलाओं की हिस्सेदारी में कमी आयी है. 2011-12 में प्रदेश के कुल रोजगार में महिलाओं की नौ फीसदी हिस्सेदारी थी, जो अब घट कर 4.4 फीसदी रह गयी है. कुल मिला कर श्रम बल में महिलाओं की […]
राजदेव पांडेय
राष्ट्रीय सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन विभाग की सर्वे रिपोर्ट
पटना : बिहार में श्रम बल में महिलाओं की हिस्सेदारी में कमी आयी है. 2011-12 में प्रदेश के कुल रोजगार में महिलाओं की नौ फीसदी हिस्सेदारी थी, जो अब घट कर 4.4 फीसदी रह गयी है. कुल मिला कर श्रम बल में महिलाओं की हिस्सेदारी में पांच वर्षों में 4़ 6 फीसदी घट गयी है. सामाजिक और आर्थिक विकास के नजरिये से ये अांकड़े खासे चौंकाने वाले हैं.
यह निष्कर्ष राष्ट्रीय सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन विभाग की तरफ से आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण के आधार पर जारी आंकड़ों से निकले हैं. यह सर्वे जुलाई, 2017 से जून, 2018 के बीच किया गया था. भारत सरकार ने यह रिपोर्ट मई, 2019 में स्वीकार की थी, जो पिछले माह सार्वजनिक हुई है.
पहली वार्षिक रिपोर्ट
पेरियोडिक लेबर फोर्स सर्वे की यह पहली वार्षिक रिपोर्ट है. इससे पहले इस आशय की रिपोर्ट भारतीय सैंपल सर्वे इकाई तैयार करती थी. इस रिपोर्ट के मुताबिक बिहार में 15 से 59 वर्ष की महिलाओं की हिस्सेदारी को तुलनात्मक रूप में इस प्रकार समझा जा सकता है.
आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक ग्रामीण क्षेत्रों में पुरुषों की हिस्सेदारी 71 फीसदी और महिलाओं की हिस्सेदारी 4 फीसदी थी. हालांकि, शहरों में पुरुषों की हिस्सेदारी 69 और महिलाओं की हिस्सेदारी 6़ 9 फीसदी थी. शहरी और ग्रामीण दोनों में संयुक्त रूप से श्रम बल का विश्लेषण करें, तो पुरुषों की हिस्सेदारी 70़ 8 और महिलाओं की हिस्सेदारी केवल 4़ 4 फीसदी रह गयी.
एक्सपर्ट व्यू
श्रम बल में घटती महिलाओं की हिस्सेदारी में कमी चिंताजनक है. इसकी कई वजहें हैं. प्रदेश में सामान्य तौर पर 33 फीसदी लड़कियां 15- 21 साल की उम्र में मां बन जाती हैं. यह दर घटने के बजाय लगातार बढ़ ही रही है. इसकी एक अन्य वजह 22 फीसदी लड़कियाें का स्कूली अध्ययन 10 साल की उम्र तक सिमट जाना भी है.
इसके अलावा 40 फीसदी लड़कियों का बाल विवाह हो जाता है. कुल मिला कर बाल विवाह पर नियंत्रण, बच्चियों को उच्च शिक्षा दिलाये बिना श्रम बल में उनकी हिस्सेदारी नहीं बढ़ायी जा सकती है. इस दिशा में सरकार को प्रभावी काम करना चाहिए.
-मोहम्मद नदीम नूर, समन्वयक बिहार, द यूनाइटेड नेशंस पॉपुलेशन फंड
श्रम बल में गिरावट की विशेष वजहें
जानकारों के मुताबिक ये आंकड़े उस अवधि के हैं, जब ग्लोबल वार्मिंग और नोटबंदी आदि की वजह से खाद्य आधारित उत्पादन यूनिट में कमी आयी है. बारिश में कमी ने हालात और खराब किये.
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