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पटना : भाजपा ने 15 दिनों में बनाये 6.25 लाख नये सदस्य
पार्टी का सदस्यता अभियान तेजी से चल रहा पूरे राज्य में, बाढ़ से पीड़ित इलाकों में अभियान थमा पटना : भाजपा ने 6 जुलाई से सदस्यता अभियान शुरू किया है. इसके तहत पार्टी के सभी कार्यकर्ता जिला, मंडल, प्रखंड से लेकर पंचायत स्तर तक व्यापक स्तर पर लोगों से मिलने-जुलने और पार्टी से जोड़ने का […]
पार्टी का सदस्यता अभियान तेजी से चल रहा पूरे राज्य में, बाढ़ से पीड़ित इलाकों में अभियान थमा
पटना : भाजपा ने 6 जुलाई से सदस्यता अभियान शुरू किया है. इसके तहत पार्टी के सभी कार्यकर्ता जिला, मंडल, प्रखंड से लेकर पंचायत स्तर तक व्यापक स्तर पर लोगों से मिलने-जुलने और पार्टी से जोड़ने का अभियान चला रहे हैं. पार्टी सूत्रों के मुताबिक इस अभियान के तहत पिछले 15 दिनों में पार्टी ने सवा छह लाख नये सदस्य बना लिये हैं. ये आंकड़े शुरुआती स्तर के हैं. समेकित आंकड़े आने पर इनकी संख्या बढ़ने की संभावना है.
उत्तर बिहार में बाढ़ से प्रभावित इलाकों में फिलहाल यह अभियान रुका हुआ है. बाढ़ प्रभावित अधिकतर इलाकों में सदस्यता अभियान अभी नहीं चलाया जा रहा है.
इस बार पार्टी का मकसद मौजूदा सदस्यों की संख्या में कम से कम 25 फीसदी का इजाफा करना है. वर्तमान में भाजपा के सदस्यों की संख्या करीब 56 लाख है. इसमें 14 से 15 लाख नये सदस्यों को जोड़ने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. सदस्यता अभियान को गति देने और इससे अधिक से अधिक संख्या में लोगों को जोड़ने के लिए पार्टी के सभी बड़े नेताओं को क्षेत्रों में प्रवास करने के लिए कहा गया है.
सभी बड़े नेता सात दिनों या सुविधा के अनुसार अपने संबंधित क्षेत्र में जाकर प्रवास करेंगे और सदस्यता अभियान को अपनी देखरेख में संचालित करेंगे. इसके लिए जल्द ही पार्टी के स्तर पर सभी बड़े नेताओं का दौरा कार्यक्रम भी निर्धारित होने जा रहा है.
सर्वजन समाज को जोड़ने पर विशेष ध्यान
भाजपा ने इस बार सदस्यता अभियान को कुछ अलग तरीके से चलाने की रणनीति तैयार की है. इसके तहत नीचले स्तर पर जाकर ज्यादा फोकस करने को कहा गया है. सर्वजन समाज को जोड़ने पर विशेष ध्यान देना है. खासकर समाज की पिछड़ी और दलित जातियों को जोड़ने के लिए हर संभव कोशिश करने को कहा गया है. भाजपा का फोकस राज्य के सबसे बड़े वोट बैंक ओबीसी जातियों पर है. इन जातियों को अपना वोट बैंक बनाने के लिए पार्टी इस सदस्यता अभियान के जरिये हर संभव कोशिश करने में लगी हुई है. चूकिं इस बार भाजपा को मिली प्रचंड बहुमत से यह स्पष्ट हो गया है कि विशेष तौर से ओबीसी वोट का बड़ी संख्या में मिलने के कारण ही यह संभव हो पाया है. इस वोट बैंक को बनाये रखने पर पार्टी का खासतौर से ध्यान है. इसलिए इस बार हर स्तर पर प्रयास किया जा रहा है.
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