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भूमि विवाद के चलते बढ़ीं हत्या की घटनाएं, रेप, घरेलू हिंसा, नक्सली हिंसा समेत अन्य वारदातों में आयी कमी : नीतीश

60% से ज्यादा हत्याओं का कारण भूमि विवाद पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को विधानसभा में कहा कि राज्य में पिछले वर्ष के प्रथम पांच महीनों की तुलना में इस वर्ष हत्या, चोरी, लूट व डकैती के मामलों में बढ़ोतरी हुई है, जबकि सामान्य दंगा, फिरौती के लिए अपहरण, बलात्कार, घरेलू हिंसा, नक्सली […]

60% से ज्यादा हत्याओं का कारण भूमि विवाद
पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को विधानसभा में कहा कि राज्य में पिछले वर्ष के प्रथम पांच महीनों की तुलना में इस वर्ष हत्या, चोरी, लूट व डकैती के मामलों में बढ़ोतरी हुई है, जबकि सामान्य दंगा, फिरौती के लिए अपहरण, बलात्कार, घरेलू हिंसा, नक्सली हिंसा समेत अन्य वारदातों में कमी आयी है. हत्या के मामलों में 2% और डकैती के मामलों में 8% बढ़ोतरी हुई है.
हालांकि, 2001-05 के बीच हत्या का वार्षिक औसत 3,738 था, जबकि 2016-18 के बीच यह घटकर 2,772 हो गया. उन्होंने कहा कि प्रदेश में अपराध की रोकथाम के लिए कड़े उपाय किये गये हैं. 15 अगस्त तक हर थाने में अनुसंधान और विधि-व्यवस्था की अलग-अलग इकाई का गठन कर लिया जायेगा. पांच मानकों पर परखने के बाद ही मिलेगी थानेदारी अब साफ-सुथरी छवि वाले अफसर ही थानेदार बन सकेंगे. इसके लिए मानक तय किये गये हैं.
गृह विभाग के बजट पर हुए वाद-विवाद के बाद सरकार की तरफ से जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि हत्या में बढ़ोतरी का मुख्य कारण भूमि या संपत्ति विवाद है. 60 फीसदी से ज्यादा हत्याएं भूमि विवाद के कारण ही होती हैं. पिछले कुछ सालों में जमीन की कीमतों में काफी बढ़ोतरी हुई है.
इस कारण जमीन को लेकर विवाद भी बढ़े हैं. हत्या, लूट और चोरी की वारदातों को कम करने के लिए राज्य सरकार ने पुलिस में बदलाव से जुड़ी कई पहल शुरू कर दी है. थाने से लेकर रेंज और जिला स्तर पर व्यापक प्रावधान किये गये हैं. मुख्यमंत्री के जवाब के दौरान विपक्षी सदस्यों ने वाकआउट भी किया.
नीतीश कुमार ने कहा कि अपराध किसी के चाहने पर पूरे तौर पर खत्म नहीं हो सकता, लेकिन इसमें कमी लाना और इस पर नियंत्रण करने का प्रयास करना हमारा कर्तव्य है. उन्होंने कहा कि चाहे अपराध, भ्रष्टाचार या संप्रदायवाद हो, इसके साथ हम किसी प्रकार का समझौता नहीं करते. सामान्य दंगे की घटना में उतरोत्तर अप्रत्याशित कमी इस बात का संकेत है कि समाज में एक-दूसरे के प्रति सौहार्द के वातावरण में वृद्धि हो रही है.
चोरी और लूट की घटनाएं भी बढ़ीं, जबकि सामान्य दंगा, अपहरण
रेप, घरेलू हिंसा, नक्सली हिंसा समेत अन्य वारदातों में आयी कमी
इन अपराधों में हुई बढ़ोतरी
अवधि हत्या चोरी लूट
जनवरी से मई 2018 1252 12,182 715
जनवरी से मई 2019 1277 14,189 860
2001-05 के बीच हत्या का वार्षिक औसत 3,738 था
2016-18 के बीच यह औसत घटकर 2,772 हो गया
भूमि विवाद कम करने को हो रही पहल
सीएम ने कहा कि सरकार भूमि विवाद कम करने के लिए कई स्तर पर प्रयास कर रही है. पूरे राज्य में नये सिरे से जमीन का सेटलमेंट करवाया जा रहा है.
जमीन का एरियल सर्वे भी हो रहा है. अब राज्य में बिना दाखिल-खारिज के जमीन की रजिस्ट्री नहीं होगी. जिनके नाम से किसी जमीन की सेल डीड होगी, उन्हें पहले इसकी जमाबंदी करानी होगी, तब वह जमीन बेच सकते हैं. जमीन का दाखिल-खारिज कराने के लिए राज्य में व्यापक स्तर पर अभियान चलाया जा रहा है.
मुख्यमंंत्री ने कहा कि थाना स्तर पर सीओ और थानाप्रभारी को सप्ताह में एक दिन बैठक आवश्यक रूप से करनी होगी, जिसमें जमीन से जुड़े विवादों की समीक्षा करके इन्हें सुलझाया जायेगा. अगर कहीं यह बैठक नहीं होती है, तो संबंधित पदाधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी. सभी एसडीओ और डीएसपी इसकी मॉनीटरिंग करेंगे. इसके अलावा बड़ी संख्या में लंबित पड़े पारिवारिक बंटवारे का निबटारा करने के लिए इसमें निबंधन शुल्क को मात्र 100 रुपये कर दिया गया है.

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