पटना : अब राज्य के सभी डीएम के कार्यों की ग्रेडिंग स्वास्थ्य सुधार पर किये गये कार्यों पर भी निर्भर करेगा. इनके स्तर से किये गये कार्यों के सालाना वार्षिक मूल्यांकन प्रतिवेदन (पीएआर) में यह भी देखा जायेगा कि संबंधित डीएम ने अपने जिले में टीबी उन्मूलन को लेकर कितने सराहनीय प्रयास किये हैं या कितना कार्य किया है.
इसके अलावा इन्होंने अपने जिले में निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप कितने हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर (एचएससी) का गठन किया है. जिस जिले ने इसके गठन को लेकर जितनी अधिक जागरूकता दिखायी होगी, उसका प्रदर्शन उतना बेहतर माना जायेगा.
इसके आधार पर उनका वार्षिक मूल्यांकन प्रतिवेदन में उनका प्रदर्शन दर्ज किया जायेगा. इस मसले को लेकर सामान्य प्रशासन विभाग ने सभी जिलों के डीएम को लिखित आदेश जारी कर दिया है. कुछ दिनों पहले केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय से इन दोनों मानकों को पीएआर में शामिल करने से संबंधित दिशा-निर्देश भी राज्य के मुख्य सचिव को प्राप्त हुआ है. इसके मद्देनजर यह पहल की गयी है.
राज्य में 1595 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर स्थापित करने का लक्ष्य
2025 तक टीबी का उन्मूलन करने का लक्ष्य
वर्ष 2025 तक टीबी का उन्मूलन करने का लक्ष्य रखा गया है. डीएम को अपने जिले में टीबी उन्मूलन से संबंधित कार्यक्रम की मुस्तैदी से मॉनीटरिंग कर इसे जड़ से मिटाने में अहम भूमिका निभाने के लिए कहा गया है. इसके अलावा वर्ष 2022 तक पूरे देश में डेढ़ लाख हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है. ताकि सभी लोगों को सहज और सुगमता से प्राथमिक स्वास्थ्य की सुविधा मिल सके. आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत ये तमाम योजनाएं चल रही हैं.