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पटना : पेयजल की नहीं होनी चाहिए दिक्कत : सीएस
पटना : मुख्य सचिव दीपक कुमार ने शुक्रवार को राज्य में बाढ़ सुखाड़ की स्थिति की समीक्षा करते हुए निर्देश दिया कि राज्य में कहीं भी पेयजल का संकट नहीं होना चाहिए. इसके लिए चापाकलों को ठीक करने, आवश्यकता पर नये चापाकलों को लगाने व टैंकरों द्वारा पानी की आपूर्ति की जानी चाहिए. मुख्य सचिव […]
पटना : मुख्य सचिव दीपक कुमार ने शुक्रवार को राज्य में बाढ़ सुखाड़ की स्थिति की समीक्षा करते हुए निर्देश दिया कि राज्य में कहीं भी पेयजल का संकट नहीं होना चाहिए. इसके लिए चापाकलों को ठीक करने, आवश्यकता पर नये चापाकलों को लगाने व टैंकरों द्वारा पानी की आपूर्ति की जानी चाहिए.
मुख्य सचिव ने बताया कि उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में विभागों को निर्देश दिया कि ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में हर वार्डों में नल जल योजना का काम शुरू हो जाना चाहिए. जहां पर अभी तक काम नहीं शुरू किया गया है, वहां हर हाल में 15 जुलाई से काम आरंभ करने को कहा गया है. अप्रैल, 2020 तक इस योजना को पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.
एक सप्ताह में मिल जायेगी बच्चों की होनेवाली मौत से संबंधित रिपोर्ट : मुख्य सचिव ने बताया कि मुजफ्फरपुर में घर-घर सर्वे का काम केंद्रीय टीम, राज्य सरकार की टीम और अन्य एजेंसियों द्वारा की जा रही है.
उन्होंने बताया कि सभी प्रकार के सर्वे का एक ही मकसद है कि बच्चों में होनेवाली बीमारी और उससे होनी वाली मौत के किसी कारण को जाना जाये. उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा कराये जा रहे सर्वे की रिपोर्ट एक सप्ताह में प्राप्त हो जायेगा.
बच्चों की मौत की रिपोर्ट भेज दी गयी मानवाधिकार आयोग को : प्रधान सचिव
पटना : स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने बताया कि मुजफ्फरपुर में बच्चों की बीमारी से होनेवाली मौत की रिपोर्ट मानवाधिकार आयोग को भेज दी गयी है.
आयोग को भेजी गयी रिपोर्ट में इसकी जानकारी दी गयी है कि बीमार बच्चों के इलाज में किस प्रकार की सुविधाएं दी जा रही है. अभी तक बीमारी के बाद कितने बच्चे इलाज के लिए अस्पताल लाये गये. इसकी रोकथाम के लिए क्या-क्या प्रयास किया जा रहा है.
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