पटना : राज्य की ग्राम कचहरियां स्थानीय स्तर पर मुकदमों के निबटारे में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं. ग्राम कचहरियों की पीठों द्वारा दो साल में दो लाख से अधिक फौजदारी और दीवानी मुकदमों का निबटारा किया है. पंच, सरपंच और न्यायमित्रों के सहयोग से स्थानीय न्याय प्रशासन द्वारा विवादों के निबटारे का काम किया जा रहा है.
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ग्राम कचहरियों ने निबटाये दो लाख से अधिक मुकदमे
पटना : राज्य की ग्राम कचहरियां स्थानीय स्तर पर मुकदमों के निबटारे में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं. ग्राम कचहरियों की पीठों द्वारा दो साल में दो लाख से अधिक फौजदारी और दीवानी मुकदमों का निबटारा किया है. पंच, सरपंच और न्यायमित्रों के सहयोग से स्थानीय न्याय प्रशासन द्वारा विवादों के निबटारे का काम किया […]
पंचायती राज विभाग के प्रधान सचिव अमृतलाल मीणा ने बताया कि ग्राम कचहिरियों को 40 विभिन्न तरह की धाराओं में न्याय देने का अधिकार दिया गया है. उन्होंने बताया कि वर्ष 2016 से दिसंबर 2018 तक राज्य की 6922 ग्राम कचहरियों के पास दो लाख 23 हजार 839 दीवानी और फौजदारी मुकदमें दायर किये गये. इसमें दीवानी के 120782 मामले, जबकि 102825 फौजदारी मुकदमें दायर किये गये थे. ग्राम कचहरियों द्वारा इस दौरान 205765 मामलों का निष्पादन कर दिया गया है, जबकि महज 18074 मामले लंबित हैं.
40 तरह के मामलों में फैसले की शक्ति
प्रधान सचिव ने बताया कि ग्राम कचहरियों को 40 तरह के मामलों में फैसला देने की शक्तियां दी गयी हैं. कुछ मामलों में कचहरियों को छह माह की सजा सुनाने का अधिकार है, तो कुछ मामले में उसे आर्थिक दंड लगाने का अधिकार दिया गया है. कुछ ऐसे भी मामले हैं जिसमें दोनों प्रकार के दंड ग्राम कचहरी की पीठ दे सकती है.
कचहरी को किसी संपत्ति विवाद में 10 हजार तक के मामले की सुनवाई का अधिकार दिया गया है. उन्होंने बताया कि ग्राम कचहरी की न्यायपीठ में सुनवाई योग्य मामले की सुनवाई किसी अन्य न्यायालय में नहीं हो सकती है. ग्राम कचहरी न्यायपीठ से विचारणीय मामले से संबंधित अपराध की जानकारी थाना प्रभारी उस क्षेत्र की ग्राम कचहरी को 15 दिनों के अंदर भेज देंगे.
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