अनुज शर्मा
पटना : 2019 के लोकसभा चुनाव नतीजों ने लोजपा सुप्रीमाे एवं केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री रामविलास पासवान की प्रतिष्ठा को बढ़ा दिया है. सभी छह सीटों पर जीत दर्ज कर लोजपा ने सदन में अपनी शक्ति बढ़ा ली है. लाेकसभा में इस बार भी लोजपा की छह सीटें होंगी. वहीं पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का कार्यकाल पूरा होने से रिक्त हो रही राज्यसभा की सीट से रामविलास पासवान का राज्यसभा जाना भी तय है. इसके बाद पार्टी की उच्च सदन में भी इंट्री हो जायेगी.
लोकसभा 2019 का चुनाव लोजपा सुप्रीमो रामविलास पासवान के लिए अग्नि परीक्षा से कम नहीं था. छह उम्मीदवारों में तीन उम्मीदवार तो घर से ही थे. जिस हाजीपुर सीट से वह रिकाॅर्ड मतों से जीते भी उस परखुद न लड़कर भाई पशुपति कुमार पारस (पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष एवं बिहार सरकार में मंत्री ) को खड़ा कर दिया था. समस्तीपुर में रामचंद्र पासवान और जमुई में बेटा चिराग पासवान की भी प्रतिष्ठा दांव पर थी. गुरुवार को आये चुनाव परिणाम ने उनकी सभी प्रकार की चिंता मिटा दी है. लोजपा 2014 से अधिक शक्तिशाली बनकर उभरी है. जमुई, वैशाली, हाजीपुर, खगड़िया, समस्तीपुर अौर नवादा में जीतकर 100 फीसदी प्रदर्शन किया है.
बेटा और भाइयों ने पिछली बार से बड़ी जीत हासिल की : लोजपा सुप्रीमो रामविलास पासवान के दोनों भाई और बेटा ने 2014 की तुलना में बड़े अंतर से जीत हासिल की है. पार्टी उम्मीदवारों की जीत का मार्जिन दोगुने से अधिक हुआ है.
हाजीपुर सीट पर थी देश भर की नजर
पशुपति कुमार पारस
बड़े भाई की विरासत वाली सीट हाजीपुर से लड़ रहे पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री के चुनाव प्रदर्शन पर पूरे देश की निगाहें टिकी हुई थीं. पारस ने करीब दो लाख वोटों से जीतकर साबित कर दिया कि वह बड़े भाई की संसदीय विरासत संभाल सकते हैं. रामविलास पासवान यहां से आखिरी चुनाव 2014 में लड़े थे. वह 455652 वोट लाये थे. उन्होंने कांग्रेस के संजीव प्रसाद टोनी को 225500 वोटों से हराया था.
चिराग पासवान
लोजपा संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष ने जमुई (एससी) संसदीय सीट पर रालोसपा के भूदेव चौधरी को हराकर दूसरी बार जीत हासिल की है. चिराग को इस बार दोगुने वोट मिले. 2014 में उनको 285354 वोट मिले थे. तब राजद के सुधांशु शेखर भास्कर को 85947 वोटों से हराया था. इस चुनाव में उन्होंने करीब ढाई लाख के मार्जिन से जीत हासिल की थी.
रामचंद्र पासवान
लोजपा सुप्रीमो के छोटे भाई एवं समस्तीपुर (एससी) से सांसद रामचंद्र पासवान भाई की नाक बचाने में कामयाब रहे . उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार डॉ अशोक कुमार को न केवल हराया बल्कि पिछले चुनाव से अधिक वोट लाकर अपनी ताकत का एहसास करा दिया. 2014 में रामचंद्र पासवान 270401 वोट लाये थे. डाॅ अशोक कुमार को 6872 वोटों से हराया था. इस चुनाव में उन्होंने साढ़े पांच लाख से अधिक वोट पाये. शाम चार बजते -बजते डाॅ अशोक को ढाई लाख से अधिक वोटों से पीछे छोड़ दिया था.