पटना: बिल्डर सुशील कुमार सिंह से 70 लाख रंगदारी वसूलने वाले आदित्य नारायण पासवान की करतूत हर दिन सामने आ रही है. मंगलवार को भी एक ऐसा ही मामला सामने आया. आदित्य ने वर्मा सेंटर स्थित दुकान की बिक्री के नाम पर क्रिसेंट शिपिंग मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड के एमडी मनीष कुमार सिंह से 15 लाख लिये थे. एग्रीमेंट भी कर दिया था,लेकिन दुकान की रजिस्ट्री करने में आनाकानी कर रहा था.
हाल में मनीष से दो जून को उसने डेढ़ लाख और लिया था,लेकिन फिर भी दुकान की रजिस्ट्री नहीं हुई. मनीष सिंह का वर्मा सेंटर में ही क्रिसेंट शिपिंग मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड का कार्यालय है. एक अन्य एजेंट ने आदित्य नारायण को दुकान बिक्री की जानकारी दी. आदित्य नारायण की करतूत सामने आने के बाद मनीष सिंह ने श्रीकृष्णापुरी थाने में मामला दर्ज करा दिया. मंगलवार को एसएसपी मनु महाराज से कार्रवाई की गुहार की. मनीष सिंह ने बताया कि एग्रीमेंट में वर्मा सेंटर के सचिव सुमन कुमार भी गवाह बने थे.
टीम कर रही छापेमारी
दुकान, मकान और जमीन की बिक्री के नाम पर आदित्य नारायण अभी तक कई लोगों से लाखों रुपये ले चुका है. आदित्य नारायण की पोल खुलने के बाद धीरे-धीरे लोग शिकायत लेकर पुलिस के पास पहुंच रहे हैं. गिरोह में शामिल चार अन्य अपराधियों को पकड़ने के लिए पटना पुलिस की टीम बेगूसराय निकल गयी है.
जान मारने की धमकी
बिल्डर सुशील कुमार सिंह ने एजेंट अजीत वर्मा के माध्यम से आदित्य नारायण की बोरिंग रोड के वर्मा सेंटर स्थित एक दुकान को खरीदने के लिए 35 लाख 51 हजार राशि में तय की थी. सुशील सिंह ने दुकान के एवज में 25 लाख का भुगतान कर दिया था और एग्रीमेंट पेपर भी बनवा लिया. केवल 10 लाख ही देने थे. कुछ दिनों बाद सुशील कुमार सिंह दस लाख की राशि लेकर अपने एक साथी के साथ आदित्य नारायण के गर्दनीबाग थाने के आंबेडकर चौक चितकोहरा पुल स्थित आवास पर पैसे देने के लिए गये, जहां आदित्य नारायण ने कुछ अपराधियों को बुला लिया और दोनों को हथियार के बल पर घर की छत पर बंधक बना लिया. उन लोगों ने सुशील सिंह से पैसे छीन लिये और मुंह में टेप बांध दिया. इसके बाद जान से मारने की धमकी दे कर एक करोड़ मांगना शुरू कर दिया और एग्रीमेंट की डीड फाड़ दी.
काफी डर गये थे सुशील
सुशील सिंह काफी डर गये थे और उन्होंने अपने घर से फोन कर 35 लाख रुपये मंगवाया और आश्वासन दिया कि जल्द ही बाकी पैसे भी दे देंगे. इसके बाद आदित्य लगातार सुशील कुमार सिंह के मोबाइल पर फोन करके पैसे की मांग करने लगा. इसकी जानकारी उन्होंने एसएसपी को दी थी. इसी बीच सुशील को उन लोगों ने पांच जून को आर ब्लॉक पर पैसा देने के लिए बुलाया, फिर वहां से बंगाली पुल बुलाया. पुलिस को देख सभी स्कॉर्पियो से भागने लगे. इसी क्रम में मो रहमत अली को पुलिस ने पकड़ लिया था, जबकि बाकी भाग गये थे.