पटना : दुकान की बिक्री करने की आड़ में व्यवसायियों को बंधक बना कर जान मारने की धमकी देकर पैसे की उगाही करनेवाला गिरोह सक्रिय था. शहर में दिनदहाड़े फायरिंग करने के मामले में पकड़े गये अपराधी मो रहमत अली (बेगूसराय) ने यह सनसनीखेज खुलासा पुलिस के समक्ष किया है. हालांकि गिरोह का सरगना व नवादा से सांसद का चुनाव लड़ चुका आदित्य नारायण अभी फरार है.
पकड़ा गया मो रहमत अली सरगना आदित्य नारायण का चचेरा साला है और उसी के इशारे पर वह व्यवसायियों से पैसे वसूलने का काम करता था. शनिवार को भी वह आदित्य नारायण के इशारे पर ही व्यवसायी सुशील कुमार सिंह से पैसा वसूलने के लिए पहुंचा था. पहले उन लोगों ने सुशील कुमार सिंह को आर ब्लॉक पर बुलाया था और फिर शक होने पर उन लोगों को बंगाली पुल के पास बुलाया. इसी बीच सुशील सिंह ने इसकी शिकायत पुलिस को कर दी थी.
सादे वेश में थी पुलिस : पुलिस सादे वेश में लगातार पीछे लगी थी. पुलिस की टीम जब बंगाली पुल के पास पहुंचा, तो कुछ लोग एक स्कॉर्पियो लगा कर इधर-उधर कर रहे थे. संदिग्ध गतिविधि देख कर पुलिस जैसे ही उन लोगों के पास पहुंची, वे लोग स्कॉर्पियो से ही मीठापुर सब्जी मंडी की ओर भागने लगे. लेकिन दयानंद हाइ स्कूल के समीप पुलिस ने उन लोगों को घेर लिया. पुलिस से घिरे देख युवक ने फायरिंग की, पर गोली मिस फायर हो गयी. इसके बाद पुलिस ने खदेड़ कर मो रहमत अली को पकड़ लिया. वहीं तीन अन्य फरार हो गये. रहमत के पास से एक लोडेड देसी पिस्तौल व कारतूस बरामद किया गया है.
छत पर बना लिया था बंधक : व्यवसायी सुशील कुमार सिंह ने एजेंट अजीत वर्मा के माध्यम से आदित्य नारायण की बोरिंग रोड के वर्मा सेंटर स्थित एक दुकान को खरीदने के लिए 35.51 लाख रुपये में तय किया था. उन्होंने इसके एवज में 25 लाख का भुगतान कर दिया था और एग्रीमेंट पेपर बनवा लिया था. उन्हें केवल 10.51 लाख ही देने थे. कुछ दिनों बाद सुशील कुमार सिंह दस लाख की राशि लेकर अपने एक साथी के साथ उसके चितकोहरा पुल स्थित आवास पर गये. वहां आदित्य ने अपराधियों के सहयोग से दोनों को छत पर बंधक बना लिया. उन लोगों ने सुशील सिंह से पैसे छीन लिये और मुंह बांध दिया.
इसके बाद जान से मारने की धमकी देकर एक करोड़ मांगना शुरू कर दिया और एग्रीमेंट की डीड को फाड़ कर फेंक दिया. सुशील सिंह काफी डर गये और उन्होंने अपने घर से फोन कर 35 लाख मंगवा दिया और आश्वासन दिया कि वे जल्द ही बाकी पैसे दे देंगे. इसके बाद आदित्य नारायण लगातार सुशील कुमार सिंह के मोबाइल पर फोन करके पैसे की मांग करने लगा. इस बात की जानकारी सुशील सिंह ने एसएसपी मनु महाराज को दे दी थी. इसी बीच सुशील सिंह को उन लोगों ने आर ब्लॉक पर पैसा देने के लिए बुलाया और फिर वहां से बंगाली पुल बुलाया. पुलिस को देख वे भागने लगे. एसएसपी के अनुसार आदित्य को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जायेगा.