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पटना : ग्रामीण कार्य विभाग के इंजीनियर के यहां आयकर विभाग का छापा, मिली 35 लाख नकदी, जमीन और निजी कंपनी के कागजात

गांधी मैदान इलाके में मौजूद रामायण अपार्टमेंट में भी हुई छापेमारी, देर शाम तक चलती रही रेड पटना : आयकर विभाग ने राज्य सरकार के ग्रामीण कार्य विभाग में तैनात एक्जिक्यूटिव रैंक के इंजीनियर मुरलीधर प्रसाद के यहां छापेमारी की. आय से अधिक संपत्ति (डीए) और अपने वास्तविक आय को काफी दिखाते हुए टैक्स चोरी […]

गांधी मैदान इलाके में मौजूद रामायण अपार्टमेंट में भी हुई छापेमारी, देर शाम तक चलती रही रेड
पटना : आयकर विभाग ने राज्य सरकार के ग्रामीण कार्य विभाग में तैनात एक्जिक्यूटिव रैंक के इंजीनियर मुरलीधर प्रसाद के यहां छापेमारी की. आय से अधिक संपत्ति (डीए) और अपने वास्तविक आय को काफी दिखाते हुए टैक्स चोरी समेत अन्य मामलों में आयकर विभाग की तरफ से यह कार्रवाई की गयी है. शुरुआती जांच में उनके खिलाफ एक करोड़ से ज्यादा की अवैध संपत्ति का मामला सामने आया है.
यहां हुई छापेमारी के दौरान 35 लाख नकदी मिली है. ये रुपये डस्टबीन में फेंके हुए पाये गये. इसके अलावा बड़ी संख्या में जमीन-जायदाद के कागजात, लॉकर के कागजात और कई बैंकों के खातों के अलावा बेटी, पत्नी और कुछ ठेकेदारों के नाम पर बड़ी संख्या में शेयर के कागजात मिले हैं. बेटी के नाम पर बड़ी संख्या में निवेश के भी कागजात मिले हैं. वर्तमान में वह नालंदा जिला के हिलसा अनुमंडल में मौजूद विभागीय अनुमंडल कार्यालय में पदस्थापित हैं.
वह गोपालगंज जिला के रहने वाले हैं. बुधवार की सुबह से शुरू हुई छापेमारी की यह कार्रवाई देर शाम तक चलती रही. इंजीनियर के पटना के गांधी मैदान के नजदीक स्थित रामायण अपार्टमेंट में छापेमारी की. इसके अलावा हिलसा स्थित उनके कार्यालय और स्थानीय आवास पर भी आयकर की टीम ने एक साथ छापेमारी की. पटना स्थित अपार्टमेंट में उनका परिवार रहता है. इंजीनियर ने दो निजी कंस्ट्रक्शन कंपनी भी खोल रखी थी, जिसमें एक कंपनी का नाम राधा रानी कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड है. इन कंपनियों के माध्यम से भी बड़ी संख्या में ठेकेदारी का काम लेते थे और ब्लैक मनी को व्हाइट करते थे. जांच पूरी होने के बाद इनकी आय से अधिक संपत्ति के मामले में काफी बढ़ोतरी होने की संभावना है.
फिलहाल आयकर विभाग जब्त किये गये तमाम कागजातों की गहन जांच में जुटा हुआ है. जांच पूरी होने के बाद ही स्पष्ट हो पायेगा कि कितने की अवैध संपत्ति इन्होंने जमा की है. जब्त तमाम संपत्तियों से संबंधित और अन्य सभी कागजातों की जांच की जा रही है, जिसके आधार पर यह निकाला जा सके कि वेतन समेत अन्य वैद्य स्रोत से प्राप्त आय के मुकाबले कितने की अधिक संपत्ति अर्जित की गयी है.
इसके आधार पर ही संबंधित इंजीनियर पर आगे की कार्रवाई की जायेगी. अगर उन पर डीए का मामला साबित हो जाता है, तो सरकारी पद का दुरुपयोग, भ्रष्टाचार निवारण निरोध अधिनियम समेत अन्य धाराओं के तहत भी मामला दर्ज किया जा सकता है. आय से कई गुणा अधिक संपत्ति की जांच भी शुरू हो गयी है.

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