हरियाली के गायब होने से उपजी यह स्थिति
जलवायु परिवर्तन का दंश झेल रहा पटना
पटना : राजधानी पटना जलवायु परिवर्तन की चपेट में है. हालत यह है कि अंतिम दो दशकों में इस साल फरवरी सबसे ज्यादा तप रही है. इस माह अधिकतम तापमान लगातार 28 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहा है.
साठ के दशक में पटना शहर में फरवरी माह का अधिकतम औसत तापमान 26.18 डिग्री सेल्सियस रहा था. हालांकि जलवायु परिवर्तन की चपेट में बिहार के सभी नगर हैं. शहरी तापमान में इजाफे की सबसे अहम वजह है हरियाली का गायब होना. 1969 और इससे पहले पटना शहर में फरवरी का अधिकतम औसत तापमान 26.18 डिग्री सेल्सियस था.
अगले दशक 1978 में यह तापमान 26. 19 डिग्री, 1988 में कुछ कम 25.66 डिग्री सेल्सियस हो गया. हालांकि 1998 में यह तापमान 26.74 डिग्री और 2008 में 26.94 डिग्री सेल्सियस हो गया. वर्ष 2018 में फरवरी माह में यह तापमान 27.27 डिग्री सेल्सियस रहा. वर्ष 2019 में 28 डिग्री सेल्सियस हो गया है.
पटना शहर में तापमान बढ़ने की वजह
शहर की ग्रीनरी एक फीसदी से भी कम है. इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के नाम पर पिछले 15 सालों में 10 हजार से अधिक पेड़ तो आधिकारिक अनुमति लेकर काटे गये हैं. इसका सीधा साइड इफैक्ट तापमान में इजाफे के रूप में सामने आया है. दूसरे, पिछले पांच साल के आंकड़ों पर नजर डालें तो शहर में बरसात की औसत मात्रा में भी 35 फीसदी की कमी आयी है.
और भी…
अगर चिड़ियाघर क्षेत्र को हटा दिया जाये तो शहर का तापमान और भी अधिक असंतुलित हो जायेगा. पूरे शहर में सबसे संतुलित तापमान केवल चिड़ियाघर परिक्षेत्र में है, जहां समूचे शहर की तुलना में दो डिग्री कम तापमान मापा जाता है.
शहर का अधिकतम तापमान बीस सालों में सबसे ज्यादा है. अपवाद छोड़ दें तो पिछले चार साल मसलन 2015 से लेकर इस साल तक लगातार बढ़ा हुआ रहा है. तापमान में बढ़ने की प्रवृत्ति स्थायी होती जा रही है.
आनंद शंकर सीनियर, साइंटिस्ट, आइएमडी पटना
पटना : पंखे की हवा कर सकती है बीमार
पटना : बीते एक सप्ताह से मौसम में तेजी से बदलाव हो रहा है. कभी तापमान बढ़ता है, तो कभी पारे में गिरावट दर्ज की जा रही है. ऐसे में इन दिनों वायरल इन्फेक्शन का खतरा बढ़ गया है. बच्चों में सर्दी, जुकाम, निमोनिया तो बुजुर्गों में बदन दर्द, अस्थमा अटैक की शिकायतें बढ़ गयी हैं.
डॉक्टरों की मानें, तो गर्मी का एहसास होने पर घरों में चल रहे पंखा और एसी ने मर्ज को और हवा दे दी है. इस कारण वायरल इन्फेक्शन के मामले बढ़ रहे हैं. ऐसे में डॉक्टरों की मानें तो बदलते मौसम में पंखे की हवा खाने से परहेज करना चाहिए, वर्ना दवा खानी पड़ सकती है.
करें बचाव
बच्चों व बुजुर्गों को पंखे की हवा से बचा कर रखें n बच्चों को फुल स्लीव हल्के गर्म कपड़े पहनाएं n गुनगुना पानी पिलाएं व बाहर के खाने पर रोक लगाएं n गुनगुने पानी के गरारे करने के साथ ही दिन में चार-पांच बार साबुन से अच्छी तरह हाथ धुलाएं n ठंडा और बासी खाना नहीं खिलाएं n मास्क लगा कर भी कुछ हद तक बचाव किया जा सकता है