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पटना : नदियों के कायाकल्प के लिए बना प्लान, लागू करने को लोगों से मांगे जायेंगे सुझाव
110 पेजों का एक्शन प्लान पटना : प्रदूषण से मृत प्राय नदियों के कायाकल्प के लिए बिहार सरकार की तरफ से गठित आआरसी (रिवर रेज्यूवनेशन कमेटी) ने बिहार की प्रदूषित एवं मृत प्राय नदियों के कायाकल्प के लिए 110 पेज का एक्शन प्लान तैयार कर सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (सीपीसीबी) को भेज दिया है. मंजूरी […]
110 पेजों का एक्शन प्लान
पटना : प्रदूषण से मृत प्राय नदियों के कायाकल्प के लिए बिहार सरकार की तरफ से गठित आआरसी (रिवर रेज्यूवनेशन कमेटी) ने बिहार की प्रदूषित एवं मृत प्राय नदियों के कायाकल्प के लिए 110 पेज का एक्शन प्लान तैयार कर सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (सीपीसीबी) को भेज दिया है.
मंजूरी के बाद उस पर अमल शुरू हो जायेगा. यह कवायद एनजीटी (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) के निर्देश के बाद हुई है. आरआरसी ने इस एक्शन प्लान को प्रभावी तौर पर लागू करने के लिए समूचे बिहार के लोगों से सुझाव भी मांगने की रणनीति बनायी है. सुझाव डिजिटल या मैनुअल तरीके से दिये जा सकते हैं. दरअसल पॉल्यूशन कंट्राेल बोर्ड चाहता है कि लोग कचरा फेंकते हुए लोगों की फोटो भेजें, ताकि उनके खिलाफ कार्रवाई हो सके. आरआरसी कमेटी चार सदस्यीय है.
इसमें बिहार वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के इकोलॉजी एंड इन्वायरमेंट निदेशक, अर्बन डेवलपमेंट एंड हाउसिंग बोर्ड के स्पेशल सेक्रेटरी, बिहार के इंडस्ट्रीज डिपार्टमेंट के निदेशक को बतौर सदस्य एवं बिहार स्टेट पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के मेंबर ऑफ सेक्रेटरी को कमेटी का संयोजक बनाया गया है. समिति वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के अतिरिक्त मुख्य सचिव की देखरेख में काम करेगी. इस की पहली बैठक बीते माह हो चुकी है.
नदियों को साफ करने के लिए शहर से लेकर पंचायत स्तर तक एसटीपी बनाये जायेंगे.
नदियों में प्रदूषण फैलाने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी
पटना सिटी में 350 एमएलडी क्षमता के एसटीपी की जरूरत बतायी है. एक्शन प्लान में बताया गया है कि शहर के 1000 किमी लंबे 19 नाले हैं, जो गंगा को प्रदूषित कर रहे हैं.
पटना में सीवरेज सिस्टम को छह भागों में विभाजित करने का प्रस्ताव है.
नदियों के किनारे बसे 20 नगरीय निकायों के लिए प्लान प्रस्तावित किये गये हैं.
नदियों को प्रदूषित करने वाली 10 औद्योगिक इकाइयों में चार डिस्टलरी प्लांट और छह शुगर फैक्ट्री हैं.
नदियों के किनारे पौधारोपण की योजना
बिहार में नदियों के कायाकल्प के लिए गठित कमेटी ने एक्शन प्लान बनाकर केंद्रीय एजेंसी को भेज दिया है. उनके कमेंट के बाद इसे प्रभावी किया जायेगा. हम इस प्लान से आम लोगों को जोड़ने के लिए योजना बना रहे हैं. संभव है कि अगले हफ्ते उसे प्रभावी बना दें.
—आलोक कुमार, मेंबर ऑफ सेक्रेटरी, बिहार पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड और आरआरसी के संयोजक
पटना : गंगा की अविरलता को लेकर अनशन के समर्थन में दिया धरना
पटना : जन आंदोलनों के राष्ट्रीय समन्वय की ओर से शनिवार को गर्दनीबाग में एक दिवसीय धरना का आयोजन किया गया. धरना का आयोजन अविरल गंगा व निर्मल गंगा की मांग को लेकर युवा संत आत्मबोधानंद के समर्थन में किया गया. धरने का नेतृत्व कर रहे महेंद्र यादव ने कहा कि हरिद्वार स्थित मातृ सदन के युवा संत आत्मबोधानंद 24 अक्तूबर से हरिद्वार में अनशन पर बैठे थे. अब प्रयागराज में अनशन पर बैठे हैं. उन्होंने कहा कि मां गंगे ने मुझे बुलाया है.
कहने वाले गंगा के नाम पर सिर्फ व सिर्फ राजनीति किया है. केंद्र की सरकार ने वर्ष 2018 तक गंगा को अविरल व निर्मल करने की घोषणा की थी. लेकिन, अब तक कुछ नहीं किया गया. इस मौके पर आशीष रंजन, मो नौशाद, नीरज, रजनीश, राजीव रंजन, ऋषिकेश कुमार सहित कई लोगों ने अपने विचार व्यक्त किये.
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