7.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

मुजफ्फरपुर बालिका गृह : जांच अफसर के तबादले से कोर्ट नाराज, बिहार से दिल्ली ट्रांसफर हुआ केस, राव सुप्रीम कोर्ट में तलब

नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने मुजफ्फरपुर बालिका गृह मामले में बिहार सरकार और सीबीआइ को कड़ी फटकार लगायी है. सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को केस को बिहार से नयी दिल्ली के साकेत पॉस्को कोर्ट में ट्रांसफर करने का आदेश दिया. प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, जस्टिस दीपक गुप्ता और जस्टिस संजीव खन्ना की पीठ ने […]

नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने मुजफ्फरपुर बालिका गृह मामले में बिहार सरकार और सीबीआइ को कड़ी फटकार लगायी है. सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को केस को बिहार से नयी दिल्ली के साकेत पॉस्को कोर्ट में ट्रांसफर करने का आदेश दिया.
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, जस्टिस दीपक गुप्ता और जस्टिस संजीव खन्ना की पीठ ने बिहार सरकार को निर्देश दिया कि इस मामले का सारा रिकॉर्ड दो सप्ताह में दिल्ली की अदालत में ट्रांसफर करने के लिए हर तरह की सहायता उपलब्ध कराये. साथ ही पीठ ने इस केस की सुनवाई छह माह में पूरा करने का भी आदेश दिया. पीठ ने बिहार में मुजफ्फरपुर के अलावा 16 अन्य आश्रय गृहों के प्रबंधन पर असंतोष व्यक्त करते हुए राज्य सरकार को चेतावनी दी कि उसके सवालों का संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर राज्य के मुख्य सचिव को बुलाया जायेगा.
वहीं, सीबीआइ के अधिकारी एके शर्मा का तबादला किये जाने पर सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआइ के अंतरिम निदेशक एम नागेश्वर राव को व्यक्तिगत रूप से 12 फरवरी को पेश होने का निर्देश दिया.
तल्ख टिप्पणी : बच्चों को तो बख्शो
पीठ ने तल्ख शब्दों में बिहार सरकार से कहा कि बहुत हो गया. बच्चों के साथ इस तरह का व्यवहार नहीं किया जा सकता. आप अपने अधिकारियों को बच्चों से इस तरह का व्यवहार करने की इजाजत नहीं दे सकते. बच्चों को तो बख्शो.
तबादले के मामले में अंतरिम िनदेशक को अवमानना नोटिस
पीठ ने न्यायालय की अनुमति के बगैर ही जांच ब्यूरो के संयुक्त निदेशक शर्मा का तबादला सीआरपीएफ में किये जाने के मामले में नागरेश्वर राव को अवमानना नोटिस जारी किया. पीठ ने जांच ब्यूरो के निदेशक ऋषि कुमार शुक्ला को उन अधिकारियों के नाम बताने का निर्देश दिया, जो एके शर्मा का तबादला जांच एजेंसी से बाहर करने की प्रक्रिया का हिस्सा थे. शीर्ष अदालत ने अपने पहले के आदेश का जिक्र किया, जिसमें सीबीआइ से कहा गया था कि शर्मा को बिहार आश्रयगृह मामलों की जांच के दल से हटाया नहीं जाये.
बिहार सरकार ने चार बिंदुओं पर दिया जवाब, विभाग का दावा
कोर्ट ने मुख्य सचिव को हाजिर होने से संबंधित टिप्पणी वापस ली
पटना : मुजफ्फरपुर बालिका गृहकांड में बिहार सरकार ने गुरुवार को चार बिंदुओं पर सुप्रीम कोर्ट में जवाब दिया. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने संतुष्टि जतायी.
समाज कल्याण विभाग की ओर से बताया गया कि इसके बाद कोर्ट ने मुख्य सचिव या किसी अन्य पदाधिकारी को कोर्ट में हाजिर होने से संबंधित टिप्पणी वापस ले ली. पीठ ने बिहार सरकार के वकील गोपाल सिंह से जानकारी मांगी की बिहार में विभिन्न प्रकार के कितने गृह संचालित हैं, उन गृहों में आवासितों की संख्या कितनी है, गृहों के संचालन के लिए कितना फंड दिया जाता है व बाल देखरेख संस्थानों/गृहों में बच्चों के लिए क्या-क्या सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं.
राज्य सरकार ने इस पर समय मांगा. कोर्ट ने दोपहर दो बजे तक का समय दिया. सरकार ने सभी जानकारियां दो बजे तक कोर्ट को दे दीं. विभाग ने बताया कि इससे कोर्ट संतुष्ट हुआ. मुख्य सचिव अथवा किसी अन्य पदाधिकारी को न्यायालय में हाजिर होने से संबंधित टिप्पणी को कोर्ट ने वापस ले लिया. इधर उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करेगी
Prabhat Khabar Digital Desk
Prabhat Khabar Digital Desk
यह प्रभात खबर का डिजिटल न्यूज डेस्क है। इसमें प्रभात खबर के डिजिटल टीम के साथियों की रूटीन खबरें प्रकाशित होती हैं।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel