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फर्जी आइडी पर साइबर क्रिमिनलों के खाते, कमीशन काट बैंककर्मी पहुंचा रहे पैसा

विजय सिंह पटना : साइबर क्रिमिनलों के गैंग ने बैंकों में तगड़ी सेटिंग कर रखी है. ऑनलाइन ठगी के सारे पैसे बैंक खाते में ही मंगाये जा रहे हैं. सूत्र बताते हैं कि ठगी के एक लाख तक की राशि को एटीएम के माध्यम से निकाला जाता है, लेकिन जब ठगी की रकम बड़ी होती […]

विजय सिंह
पटना : साइबर क्रिमिनलों के गैंग ने बैंकों में तगड़ी सेटिंग कर रखी है. ऑनलाइन ठगी के सारे पैसे बैंक खाते में ही मंगाये जा रहे हैं. सूत्र बताते हैं कि ठगी के एक लाख तक की राशि को एटीएम के माध्यम से निकाला जाता है, लेकिन जब ठगी की रकम बड़ी होती है तो उसे बैंक से निकासी करायी जाती है. चौकाने वाली बात यह है कि बैंक से पैसा निकालने के लिए साइबर क्रिमिनलों को बैंक नहीं जाना पड़ता है.
बैंक में ही उनकी सेटिंग है. क्रिमिनलों से सांठ-गांठ रखने वाले कुछ बैंककर्मी तकनीकी रूप से हेर-फेर करके रुपये की निकासी करा लेते हैं और अपना 25 प्रतिशत कमीशन काटकर बाकी रकम साइबर क्रिमिनलों के घर भेजवा रहे हैं. यह सेटिंग बैंकों में लगे सीसीटीवी से बचने के लिए की गयी है.
बैंक खाते से रुपये निकालने के बाद जिन साइबर क्रिमिनलों के पास पैसा जा रहा है, उनका फुटेज सीसीटीवी में नहीं आता है, क्योंकि वे बैंक आते ही नहीं हैं. इसलिए अगर यह क्रिमिनल पुलिस के हाथ लग भी जाते हैं तो पुलिस यह साबित ही नहीं कर पाती कि पकड़े गये लोगों ने बैंक जाकर पैसा निकाला है. इससे उन्हें कोर्ट से जमानत मिल जाती है.
फर्जी वेबसाइट के जरिये क्रिमिनल ऐसे चुरा लेते हैं डॉटा
साइबर क्रिमिनल के लिए डाटा कलेक्ट करने वाले गैंग के सदस्य सरकारी वेबसाइट से मिलते-जुलते नाम से फर्जी वेबसाइट बना रहे हैं.
इस माध्यम से ठगी करने के लिए सरकारी स्कीम की आड़ ले रहे हैं. इनके द्वारा तैयार की गयी वेबसाइट पर अगर कोई अपने मोबाइल फोन पर गूगल के माध्यम से जाता है तो उसका फंसना लगभग तय है. दरअसल इनकी वेबसाइट पर चलने वाले विज्ञापनों में महिलाओं की उत्तेजक तस्वीरें या ऐसा कुछ रहता है कि लोग उस लिंक को ओपन करें.
लेकिन लिंक ओपन करते ही स्पाइ एप के जरिये सारी जानकारी साइबर क्रिमिनलों के पास चली जाती है. उसमें मोबाइल धारक का इ-मेल आइडी, कुछ पासवर्ड, नाम व अन्य चीजें हाथ लग जाती हैं. फिर इंट्रेस्ट को भांप कर उसी स्कीम के तहत लाभ दिलाने का फोन पर झांसा दिया जाता है. इसमें निजी नेटवर्किंग कंपनी का टॉवर लगाने, लकी ड्रा, मार्केंटिंग कंपनी का ऑफर कुछ भी माध्यम हो सकता है.
ऐसे बरतें सावधानियां
वेबसाइट देखने के बाद कुछ भी लेन-देन करने से पहले वेबसाइट की सत्यता की परख कर लें.
वेबसाइट पर मौजूद विज्ञापन से संबंधित लिंक को ओपन करने से बचें.
जिस वेबसाइट को आपने सर्च किया है, उससे संबंधित फोन आने पर कोई गोपनीय जानकारी नहीं दें.
किसी भी सूरत में ऐसे कॉल रिसीव करने के बाद संबंधित लोगों से ऑनलाइन पैसा ट्रांसफर नहीं करें.

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