अनिकेत त्रिवेदी
प्रधानमंत्री हाउस फॉर ऑल में गड़बड़ियां, चार पर प्राथमिकी
पटना : फर्जी लाभुकों के साथ मिल कर ग्रामीण आवास सहायक जिले में प्रधानमंत्री हाउस फाॅर आॅल योजना की हवा निकाल रहे हैं. इसके उनका साथ पर्यवेक्षक स्तर के कर्मचारी भी दे रहे हैं.
मामला है कि जिले के कई प्रखंडों में कहीं फर्जी लाभुक बना कर योजना राशि का भुगतान कर लिया गया है, तो कहीं सही लाभुकों के बैंक खातों में पैसा नहीं भेज कर दूसरे नामों के खातों में पैसा भेजा गया है. इसके अलावा कई मामलों में उनको भी राशि का आवंटन कर दिया गया है, जिनके पहले से पक्के मकान थे और उनको इस योजना का लाभ नहीं दिया जाना था. ऐसे मामले मनेर और बख्तियारपुर की कई पंचायतों में मिले हैं.
मामला जिले स्तर पर जांच के बाद स्पष्ट होगा है, जबकि कई प्रखंडों की पंचायतों से शिकायतें मिली हैं, जिनकी जांच जिले स्तर के अधिकारियों की ओर से की जा रही है. जिले में चार लोगों पर एफआइआर दर्ज की गयी है और 32 लोगों पर एफआइआर दर्ज करने की अनुशंसा की गयी है. साथ ही 150 से अधिक शिकायतें आयी हैं.
मनेर और बख्तियारपुर प्रखंडों में दर्जनों मामले
जिले में सबसे अधिक शिकायतें मनेर और बख्तियारपुर प्रखंडों की आयी हैं. इनमें मनेर के सिंघारा पंचायत में चार लाभुकों की गड़बड़ी मिली है. इनमें लाभुक रिंकू देवी को मकान निर्माण के नाम पर दो किस्तों में 45 हजार रुपये का भुगतान किया गया है, लेकिन लाभुकों को केवल 30 हजार ही मिले हैं. इनमें 15 हजार रुपये का गबन किया गया है.
इसके साथ मनोज राम, जिनकी पत्नी के नाम पर पहले से योजना का लाभ दिया गया है, उन्हें भी 2016-17 में एक बार फिर लाभ दिया गया. साथ ही लिखित बयान में 20 हजार रुपये आवास सहायक को देने की बात कही गयी है. इसके अलावा सुनील राय लाभुक के नाम पर योजना की स्वीकृति मिली है, लेकिन उनके नाम पर किसी दूसरे के खाते में राशि का भुगतान कर दिया गया है. इसके अलावा कनिका देवी को पूर्व में योजना का लाभ दिया गया है और प्रधानमंत्री आवास में भी उनको लाभुक बना दिया गया, जबकि पूर्व में महिला को कोई राशि नहीं मिली थी. इसमें भी 55 हजार गबन का मामला आया है.
32 लोगों को दोबारा लाभ
इसके साथ ही मनेर की बाग पंचायत में 22 ऐसे लाभुकों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ देने का मामला आया है, जिन्होंने पहले से इंदिरा आवास का लाभ ले लिया था. इस मामले में लाभुकों के साथ ग्रामीण आवास सहायक पर प्राथमिकी दर्ज करने के साथ संबंधित कर्मियों के निलंबन की कार्रवाई शुरू की जा रही है. वहीं, ब्यापुर पंचायत में चार ऐसे लोगों को लाभ दिया गया, जिनका पहले से पक्का मकान बना हुआ था. इसके अलावा खासपुर पंचायत में लाभुक के बदले दूसरे के खाते पैसे भेजने का मामला भी आया है. वहीं, बख्तियारपुर की करनौती पंचायत में 10 ऐसे लाभुकों को लाभ दिया गया है, जिनका पहले से पक्का मकान है. कुल मिला पहली जांच में 32 मामले इस तरह के आये हैं.
अभी शुरू हुई है जांच
जिले में वर्ष 2017-18 के तहत प्रधानमंत्री हाउस फॉर आॅल योजना को पूरा करने का दबाव है, इसलिए इसमें तेजी से लाभुकों के खातों में राशि भेजी जा रही है. वहीं, समानांतर रूप से पूर्व के लाभुकों की जांच भी की जा रही है. जांच प्रक्रिया अभी शुरू हुई और शुरुआती दौर में ही कई जगहों के गड़बड़ियां मिलने लगी हैं. इसको लेकर कई पंचायतों से दर्जनों शिकायतें दर्ज की गयी है. गौरतलब है कि प्रधानमंत्री आवास योजना में 1.20 लाख रुपये की राशि दी जाती है.
कोट
योजना की जांच गहनता से शुरू की गयी है. इसमें कई पंचायतों से गड़बड़ियां सामने आने लगी हैं. आरोपितों पर कार्रवाई भी शुरू कर दी गयी है और कई पंचायतों से शिकायतें आने के बाद उनकी भी जांच की जा रही है. सभी दोषियों पर कार्रवाई की जायेगी.
– डाॅ आदित्य प्रकाश, उप विकास आयुक्त
इस तरह की गड़बड़ियां
फर्जी लाभुकों के खातों में पैसा भेज देना.
पैसा लेकर पक्के मकान वाले या पूर्व में योजना का लाभ ले लेने वाले लाभुकों को दोबारा लाभ देना.
सही लाभुक के बदले दूसरे के खाते में राशि भेज देना.
सही लाभुक को भी योजना का लाभ देने के लिए पैसा लेना.