पटना : सीट शेयरिंग पर बात नहीं बनने पर रालोसपा अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने एनडीए से अलग होने का फैसला किया. कुशवाहा एनडीए से तो अलग हो गये, लेकिन उनकी पार्टी के विधायक उनके साथ जाने को तैयार नहीं. वहीं, अलग होकर विपक्षी दलों के सुर में सुर मिलानेवाले उपेंद्र कुशवाहा को अपनी ही पार्टी के विधायकों से बड़ा झटका मिला है. शनिवार को उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी के दोनों विधायक सुधांशु शेखर और ललन पासवान ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि वे अब भी एनडीए में हैं. साथ ही पार्टी के एकमात्र विधान परिषद सदस्य संजीव श्याम सिंह ने भी उपेंद्र कुशवाहा से किनारा करते हुए एनडीए में बने रहने की बात कही.
रालोसपा के दो विधायक और एक एमएलसी ने राष्ट्रीय लोक समता पार्टी पर भी अपना दावा किया है. एमएलसी संजीव श्याम सिंह ने कहा है कि उपेंद्र कुशवाहा व्यक्तिगत राजनीति में दिलचस्पी रखते हैं. बागी विधायकों ने पार्टी सिंबल के साथ-साथ दफ्तर पर भी दावा ठोका है. उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ी, तो निर्वाचन आयोग का भी दरवाजा खटखटायेंगे.उन्होंने कहा कि असली रालोसपा हमलोग हैं. विधानमंडल में पार्टी के तीन ही सदस्य हैं. हम तीनों साथ हैं और एनडीए में हैं. उपेंद्र कुशवाहा व्यक्तिवादी राजनीति करते हैं.
उन्होंने एनडीए के बिहार नेतृत्व पर सवाल उठाते हुए कहा कि आरएलएसपी को एनडीए में कोई हिस्सेदारी नहीं मिली है. बिहार में एनडीए का नेतृत्व इस पर ध्यान दे. श्याम सिंह ने कहा कि रामविलास पासवान कि पार्टी लोजपा को एनडीए में हिस्सेदारी मिली है. हमें उपेक्षित किया गया. विदित हो कि उपेंद्र कुशवाहा नीतीश कुमार पर पार्टी तोड़ने का आरोप लगा चुके हैं. अब आरएलएसपी के विधायकों ने ही कुशवाहा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.