पटना : केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के साथ लंबी खींचतान के बीच आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल ने सोमवार को इस्तीफा दे दिया. हालांकि, पटेल ने कहा है कि वे व्यक्तिगत कारणों से इस्तीफा दे रहे हैं. वहीं, उर्जित पटेल के इस्तीफे के बहाने विपक्षी पार्टियों ने भाजपा पर हमला बोला. इसी क्रम में पूर्व उपमुख्यमंत्री और बिहार विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है.
पहले CBI और अब RBI.. गवर्नर उर्जित पटेल के इस्तीफ़े से यह तो साफ है कि 70 वर्षों में पहली बार इन संस्थाओं को संगठित लूट, प्रतिशोध, भ्रष्टाचार और बेईमानी के लिए मजबूर किया जा रहा है। इन्हें जल्दी भगाओ अन्यथा इनके हाथों सब संवैधानिक संस्थाएँ, मूल्य और मर्यादाएँ खत्म हो जायेंगी।
पहले CBI और अब RBI.. गवर्नर उर्जित पटेल के इस्तीफ़े से यह तो साफ है कि 70 वर्षों में पहली बार इन संस्थाओं को संगठित लूट, प्रतिशोध, भ्रष्टाचार और बेईमानी के लिए मजबूर किया जा रहा है। इन्हें जल्दी भगाओ अन्यथा इनके हाथों सब संवैधानिक संस्थाएँ, मूल्य और मर्यादाएँ खत्म हो जायेंगी।
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) December 10, 2018
तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर भाजपा पर निशाना साधा है. तेजस्वी ने अपने ट्वीट में लिखा है कि- ‘पहले CBI और अब RBI.. गवर्नर उर्जित पटेल के इस्तीफे से यह तो साफ है कि 70 वर्षों में पहली बार इन संस्थाओं को संगठित लूट, प्रतिशोध, भ्रष्टाचार और बेईमानी के लिए मजबूर किया जा रहा है. इन्हें जल्दी भगाओ अन्यथा इनके हाथों सब संवैधानिक संस्थाएं, मूल्य और मर्यादाएं खत्म हो जायेंगी.’
विदित हो कि उर्जित पटेल का कार्यकाल सितंबर 2019 तक था. उन्होंने अपने कार्यकाल के खत्म होने के नौ महीने पहले ही इस्तीफा दे दिया. गौरतलब है कि पिछले कुछ महीनों से सरकार और आरबीआई के गवर्नर के रिश्ते तनातनी वाले थे. जिसके कारण बोर्ड मीटिंग से पहले ऐसी खबरें आ रहीं थी कि उर्जित पटेल इस्तीफा दे सकते हैं. बाद में स्थिति सामान्य करने के लिए सरकार की ओर से यह बयान आया था कि बैंक की स्वतंत्रता जरूरी है. ऐसी खबरें भी थीं कि सरकार रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया एक्ट 1934 की धारा 7 का भी इस्तेमाल कर सकती है.