पटना : पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ का चुनाव धीरे-धीरे पूर्णतः राजनीतिक पार्टियों का चुनाव होता जा रहा है. आचार संहिता के दौरान जदयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर पीयू के कुलपति रासबिहारी के आवास पर मुलाकात किये जाने के बाद मामला तूलपकड़ते जा रहा है. पीयू चुनाव में प्रशांत किशोर की एंट्री को लेकर बीजेपी लगातार पीके पर निशाना साध रही है. अब भाजपा ने प्रशांत किशोर के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. ABVP के कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी का विरोध में भाजपा के कई विधायक राजधानी के पीरबहोर थाने में धरने पर बैठ गये है. बीजेपी विधायकों की मांग हैं उनके निर्दोष सहयोगियों को प्रशासन नेगिरफ्तार कर लिया है, उन्हें तत्काल रिहा किया जाये. जब तक उन्हें छोड़ा नहींजायेगा, धरना समाप्त नहीं होगा.
धरने में बीजेपी के विधायक नितिन नवीन, अरुण सिन्हा, संजीव चौरसिया, सूरज नंदन, महामंत्री राजेंद्र सिंह समेत कई विधायक मौजूद हैं. विधायक संजीव चौरसिया का कहना है कि की प्रशांत किशोर की गाड़ी पर हुए हमले पर सभी की भूमिका की जांच हो. उस वक्त और भी छात्र संघ के नेता मौजूद थे. पुलिस वीडियो देख यह निर्णय करे कि हमला किसने किया है. पुलिस बेवजह ABVP के कार्यकर्ताओं को पकड़ लिया है. विधायक नितिन नवीन का स्पष्ट कहना है कि छात्र संघ चुनाव में बाहरी नेताओं का हस्तक्षेप बिलकुल बर्दाश्त नहीं किया जायेगा. आचार संहिता लागू होने के बावजूद प्रशांत किशोर का कैंपस में आना कानून का विरोध करना है और इसलिएकानूनकेतहत प्रशांत किशोर की गिरफ्तारी होनी चाहिए.
भाजपा के महामंत्री राजेंद्र सिंह का कहना है कि कैंपस में इस तरह की राजनीति ठीक नहीं है. ऐसी राजनीति कैंपस के बाहर ही अच्छी लगती है. भाजपा नेता सूरज नंदन ने कहा कि छात्र संघ चुनाव में राजनीतिक हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए. कैंपस की लड़ाई को कैंपस तक ही सीमित रखें. वहीं, भाजपा के वरिष्ठ नेता और विधायक अरुण सिन्हा का कहना है कि प्रशांत किशोर के मुद्दे पर भाजपा के इस विरोध से गठबंधन पर असर नहीं पड़नेवाला है. दोनों दो चीजें है. प्रशांत किशोर ने जो किया वो कानून गलत है और इसके लिए उन्हें सजा मिलनी चाहिए. जिस वक्त प्रशांत किशोर की गाड़ी पर हमला हुआ उससमय और भी लोग मौजूद थें पुलिस जांच कर दोषियों को पकड़े. एक तरफा कदम उठाते हुए सिर्फ ABVP के कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार न करे.
गौरतलब हो कि छात्र संघ चुनाव के लिए प्रचार-प्रसार का काम सोमवार की शाम पांच बजे समाप्त हो गया. नियमों के मुताबिक, विश्वविद्यालय परिसर में आचार संहिता लगी हुई है. इसके अनुसार किसी भी राजनीतिक दल का कोई भी नेता विश्वविद्यालय परिसर में नहीं जा सकता है, लेकिन इन नियमों को दरकिनार करते हुए प्रशांत किशोर सोमवार शाम पटना विश्वविद्यालय के कुलपति रासबिहारी सिंह से मिलने उनके आवास पर पहुंच गये. इस दौरान मुख्य चुनाव अधिकारी के सलाहकार प्रोफेसर राम शंकर आर्य भी मौजूद थे. कुलपति से जदयू नेता प्रशांत किशोर की मुलाकात की सूचना मिलने पर छात्र आक्रोशित हो गये. कुलपति आवास से प्रशांत किशोर के बाहर निकलते ही उन्हें छात्रों के विरोध का सामना करना पड़ा. उनकी गाड़ी पर छात्रों ने पत्थर भी फेंका. प्रशांत किशोर की गाड़ी के शीशे टूट गये. इस दौरान धरने पर बैठे कुछ छात्रों को पुलिस ने गिरफ्तार भी कर लिया है.