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पटना : 15 वर्ष पहले शुरू हुआ था काम, अब तक फंसा है एप्रोच रोड का पेच

2002 में निर्माण की हुई थी शुरुआत, दो लाख की आबादी को हो रही है परेशानी, पुल निर्माण को लेकर लोग कई बार लगा चुके हैं गुहार पटना : बीते 15 वर्षों से मीठापुर रेल-पुल का मामला फंसा हुआ है. जमीनी पेच के कारण अब तक एप्रोच रोड का काम पूरा नहीं हो सकता है. […]

2002 में निर्माण की हुई थी शुरुआत, दो लाख की आबादी को हो रही है परेशानी, पुल निर्माण को लेकर लोग कई बार लगा चुके हैं गुहार
पटना : बीते 15 वर्षों से मीठापुर रेल-पुल का मामला फंसा हुआ है. जमीनी पेच के कारण अब तक एप्रोच रोड का काम पूरा नहीं हो सकता है. मगर इसमें ताजा मामला है कि इस वर्ष के शुरुआत से ही कोर्ट की ओर से उस रास्ते से पुल ले जाने के रोक के बाद जिला प्रशासन व रेलवे के साथ बिहार राज्य पुल निर्माण निगम अब तक कोई नया वैकल्पिक रास्ता खोज नहीं पाया है.
ये तमाम एजेंसियां बीते छह माह से हाथ पर हाथ रख कर बैठी हुई हैं. कुल मिला कर अब भी पुल हवामें लटक रहा है. इससे करीब दो लाख की आबादी को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. गौरतलब है कि इस पुल के निर्माण की शुरुआत वर्ष 2002 में की गयी थी.
2013 में दुकानदारों को दिया गया था नोटिस
करबिगहिया से सीधे मीठापुर मंडी व पटना गया गुमटी तक जाने वाले फ्लाईअोवर को पूरा करने के लिए वर्ष 2013 में दुकानदारों को नोटिस दिया गया था, ताकि दुकानदारों को हटा कर एप्रोच रोड का काम पूरा किया जा सके. फिर मामला कोर्ट में चला गया. इसके बाद से ही प्रोजेक्ट का मामला जमीन विवाद के पेच में फंसा है. पुल का निर्माण पुल निर्माण निगम की ओर से ना हो कर इरकॉन की ओर से किया जा रहा है.करीब दाे किमी लंबे फ्लाईओवर में दो फ्लैंक का निर्माण किया जाना है.
दो फ्लैंकों का निर्माण
जीपीओ रोटरी से करबिगहिया की ओर जाने वाले फ्लाईओवर में मीठापुर मोड़ से पहले पुल का एक फ्लैंक मीठापुर मंडी की ओर जाता है. इस फ्लाईओवर में दो फ्लैंक बनाया गया है. एक फ्लैंक पटना गया गुमटी को ओर जाता है. वहीं दूसरा रास्ता मीठापुर मंडी में जाकर गिरता है. फिलहाल गया गुमटी तक पुल का निर्माण किया जा चुका है. आगे पुल को नीचे लाने के लिए एप्रोच रोड का रास्ता नहीं है. इनकाॅन के कर्मी के अनुसार राज्य सरकार की ओर से आगे एप्रोच रोड बनाने के लिए जमीन नहीं मिली है. इस कारण प्रोजेक्ट को पूरा नहीं किया जा सका है.
दो किलोमीटर का है फ्लैंक: प्रोजेक्ट के दूसरे फ्लैंक का काम वर्ष 2014 से ही चल रहा है. लेकिन इरकॉन ने जिस एजेंसी को काम दिया है. वो फरवरी 2016 से काम कर रही है. प्रोजेक्ट की पूरी लागत 188 करोड़ रुपये की है. इसमें दोनों प्रोजेक्टों को मिला कर दो किमी का फ्लैंक है. प्रोजेक्ट का काम दिसंबर 2017 तक में ही पूरा कर लिया जाना था, लेकिन वर्तमान स्थिति को देखते हुए 2018 तक भी इसके पूरा होने की उम्मीद नहीं दिख रही है.
सैकड़ों लोग लगा चुके हैं गुहार
पुल निर्माण पूरा करने के लेकर कई बार पूरे क्षेत्र के लोग सभी स्तरों पर गुहार लगा चुके हैं. लोगों ने पथ निर्माण विभाग, पुल निर्माण निगम, जिला प्रशासन, नगर निगम स्तर पर कई बार लिखित आवेदन दिया गया है. पुल का निर्माण पूरा नहीं होने से मीठापुर, पुरंदरपुर,जयप्रकाश नगर, सिपारा, चांदपुर-बेला, परसा के करीब दो लाख लोगों को परेशानी हो रही है. सबसे बड़ी बात है कि ये रास्ता पटना-गया जाने का मुख्य मार्ग है. उस रास्ते से पुनपुन जाने का सीधा मार्ग है.

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