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पटना : अल्पसंख्यकों को समाज की मुख्यधारा में लाने के लिए हो रहा काम : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार

अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की योजनाओं का हुआ शुभारंभ और शिलान्यास पटना : अल्पसंख्यकों को समाज की मुख्यधारा में लाने के लिए विकास का काम हो रहा है. इसके लिए यदि नयी योजनाओं की जरूरत होगी तो उसकी शुरुआत की जायेगी. 15 अगस्त 2017 को गांधी मैदान में झंडोत्तोलन के बाद जिन नयी योजनाओं के शुरुआत […]

अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की योजनाओं का हुआ शुभारंभ और शिलान्यास
पटना : अल्पसंख्यकों को समाज की मुख्यधारा में लाने के लिए विकास का काम हो रहा है. इसके लिए यदि नयी योजनाओं की जरूरत होगी तो उसकी शुरुआत की जायेगी.
15 अगस्त 2017 को गांधी मैदान में झंडोत्तोलन के बाद जिन नयी योजनाओं के शुरुआत की घाेषणा की थी, उसकी शुरुआत हो रही है. ये बातें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को कहीं. वे संवाद में आयोजित अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की योजनाओं का शुभारंभ और शिलान्यास करने के बाद सभा को संबोधित कर रहे थे.
अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की शुरू होने वाली नयी योजनाओं में बिहार राज्य मदरसा सुदृढ़ीकरण योजना, बिहार राज्य वक्फ विकास योजना और बिहार राज्य अल्पसंख्यक आवासीय विद्यालय योजना शामिल हैं.
साथ ही अंजुमन इस्लामिया हॉल का पुनर्निर्माण मई 2020 तक हो जाने की संभावना है. इसका उद्घाटन ईद के ही दिन होगी. अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के बजट की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2004-05 में यह 3.45 करोड़ रुपये था, जबकि वर्ष 2018-19 में 475 करोड़ रुपये है.
मदरसा बोर्ड से मान्यता प्राप्त मदरसों के इंफ्रास्ट्रक्चर सुधार के लिए नया भवन, पुस्तकालय, शौचालय, पेयजल की व्यवस्था राज्य सरकार करायेगी. कई मदरसों में जाकर देखा कि वहां स्थिति काफी खराब है.
अल्पसंख्यक विभाग को इसके लिए योजना लाने को कहा था जिसे अब मंजूरी मिल गयी है. बिहार राज्य वक्फ विकास योजना के तहत वक्फ बोर्ड की जमीन पर भवन निर्माण कर कोचिंग सेंटर, पुस्तकालय, दुकान और कॉमर्शियल कॉम्प्लेक्स बनाया जायेगा. इससे वक्फ बोर्ड को आमदनी होगी और यह पैसा कल्याण कार्य में खर्च होगा.
मैट्रिक के बाद स्कॉलरशिप
सीएम ने कहा कि केंद्र सरकार अल्पसंख्यकों को मैट्रिक के बाद आगे की पढ़ाई के लिए स्कॉलरशिप देती थी. अब राज्य सरकार ने तय किया है कि केंद्र द्वारा दी जाने वाली राशि के बराबर राशि स्कॉलरशिप में देगी. साथ ही छात्रावास में रहने वालों को हर महीने एक हजार रुपये, नौ किलो चावल और छह किलो गेहूं दिया जा रहा है. वर्ष 2005 में सर्वे के मुताबिक 12.5 फीसदी बच्चे स्कूल नहीं जाते थे. इनमें बड़ी संख्या अल्पसंख्यक और महादलितों की थी. उन्हें प्रेरित करने के लिए टोला सेवक और तालिमी मरकज की बहाली की गयी है. अब यह संख्या एक फीसदी है.
आवासीय विद्यालय के लिए जमीन चिह्नित
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार राज्य अल्पसंख्यक आवासीय विद्यालय योजना के तहत आवासीय विद्यालय बनाने के लिए जमुई, बेगूसराय, किशनगंज, कटिहार और सारण में जमीन चिह्नित किया गया है. इसमें मदद के लिए उन्होंने वक्फ बोर्ड को निर्देश दिया.
असिस्टेंट प्रोफेसरों की होगी बहाली
एक अखबार में उर्दू के असिस्टेंट प्रोफेसरों की बहाली नहीं होने की खबर छपी होने की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस पर तुरंत छानबीन की. शिक्षा विभाग और अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के प्रधान सचिव से बात की. जानकारी मिली कि उर्दू के 102 और अरबी के छह असिस्टेंट प्रोफेसर की बहाली के लिए बीपीएससी को संदेश भेजा गया है. उन्होंने कहा कि ऐसी चीजों की जानकारी उन्हें दी जाये जिस पर वे तुरंत समाधान का प्रयास कर सकें.
ये थे मौजूद
कार्यक्रम के दौरान अल्पसंख्यक कल्याण व गन्ना एवं उद्योग विभाग के मंत्री खुर्शीद उर्फ फिरोज अहमद, मुख्य सचिव दीपक कुमार, अल्पसंख्यक विभाग के प्रधान सचिव आमिर सुबहानी, मुख्यमंत्री सचिवालय के सचिव चंचल कुमार, बिहार राज्य सुन्नी वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष इरशादुल्लाह, बिहार राज्य शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष इरशाद अली आजाद सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे.

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