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किस पार्सल बोगी से आयी थीं नकली दवाएं, हो रही जांच

पटना: श्रीकृष्णापुरी पुलिस व औषधि नियंत्रक विभाग की टीम द्वारा पकड़ी गयी दवाएं दिल्ली के व्यवसायी बंसल से मंगवायी गयी थी. पकड़ा गया सुरेंद्र काफी दिनों से उससे जुड़ा था. खास बात यह कि बंसल कभी भी पैसों का लेन-देन एकाउंट के माध्यम से नहीं करता था. उसका एक आदमी पटना में रहता है और […]

पटना: श्रीकृष्णापुरी पुलिस व औषधि नियंत्रक विभाग की टीम द्वारा पकड़ी गयी दवाएं दिल्ली के व्यवसायी बंसल से मंगवायी गयी थी. पकड़ा गया सुरेंद्र काफी दिनों से उससे जुड़ा था. खास बात यह कि बंसल कभी भी पैसों का लेन-देन एकाउंट के माध्यम से नहीं करता था.

उसका एक आदमी पटना में रहता है और उसी के माध्यम से वह पैसों का लेन-देन करता था. सुरेंद्र को जब भी दवाओं की जरूरत पड़ती, तो वह बंसल को संपर्क करता और कुछ ही घंटों में एक व्यक्ति सुरेंद्र के पास पहुंच जाता. इसके बाद वह पैसा दे देता, तो उसे उक्त व्यक्ति द्वारा एक कोड दे दिया जाता. सुरेंद्र उस कोड को बंसल को बता देता और फिर उसका सारा माल ट्रेन से पटना पहुंच जाता. लेकिन यह माल बिना किसी डॉक्यूमेंट के ट्रेन से कैसे यहां पहुंच रहा था, इस पर पुलिस का अनुसंधान जारी है. बताया जाता है कि रेलवे की बिल्टी और बोरे के ऊपर साटे गये कागजात को पुलिस ने जब्त कर लिया है. उस पर लिखे गये एड्रेस से पता चलता है कि उक्त माल दिल्ली से आ रहा था.

जीआरपी से पुलिस ने साधा संपर्क : पटना पुलिस इस बारे में जीआरपी जानकारी लेने की कोशिश में है कि अवैध दवाएं किस पार्सल बोगी से पटना आयी थीं और उस बोगी का ठेकेदार कौन है. विदित हो कि इसके पहले भी कई बार ऐसी घटनाएं सामने आ चुकी हैं और एक मामले में ठेकेदार के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज भी हुई थी. इधर पुलिस को सुरेंद्र से बंसल का मोबाइल नंबर व पता भी हाथ लग चुका है. उसे पकड़ने के लिए जल्द ही पटना पुलिस की एक टीम दिल्ली रवाना होगी. यही नहीं इस गिरोह के पास से ऐसे दस्तावेज मिले हैं, जिससे पता चलता है कि गोविंद मित्र रोड के कई दुकानदार इन लोगों से दवाओं की खरीद करते थे. एक माह में करीब एक से दो लाख के माल की बिक्री की जानकारी उस दस्तावेज में अंकित है.

पुलिस व औषधि नियंत्रक को उन दुकानदारों के नाम व पता की जानकारी मिल चुकी है. अब उन दुकानदारों की संलिप्तता की जांच की जायेगी. साक्ष्य मिलने पर उन्हें भी अभियुक्त बनाया जायेगा.

सोमवार को भेजा जायेगा सैंपल : जेल भेजे जाने से पूर्व तक गिरोह के सदस्य दवाओं के सौ फीसदी सही होने का दावा कर रहे थे. उनका कहना था कि दवा सही है और इसके इस्तेमाल से शरीर पर कोई दुष्प्रभाव नहीं पड़ेगा. जिसके कारण अब पुलिस व औषधि नियंत्रक विभाग की टीम यह सोच रही है कि ये लोग जो दवाएं बना रहे हैं, उनमें उसी सामग्री का प्रयोग किया जा रहा है, जो असली दवाओं में किया जाता है. बरामद की गयी दवाओं के सैंपल को औषधि नियंत्रक विभाग की टीम ने ले लिया है. इन सैंपल को सोमवार को प्रयोगशाला में जांच के लिए भेजा जायेगा.

रिमांड पर लेकर पुलिस कर सकती है पूछताछ : इधर शुक्रवार को पचास लाख की नकली दवाओं के साथ पकड़े गये सुरेंद्र कुमार, धनंजय कुमार उर्फ त्रिलोकी, मनीष कुमार, विकास कुमार व दिलीप कुमार को श्रीकृष्णापुरी की पुलिस ने शनिवार को जेल भेज दिया. बताया जाता है कि सुरेंद्र कुमार व धनंजय कुमार को पुलिस रिमांड पर लेकर पूछताछ कर सकती है. पुलिस को अभी तक जो जानकारी हासिल हुई है, उसके अनुसार इस धंधे में कई और लोग भी शामिल हैं और इसका नेटवर्क पूरे देश भर में फैला हुआ है और इसकी तह में पहुंचने के लिए इन लोगों से फिर से पूछताछ करना काफी आवश्यक है.

क्या था मामला

श्रीकृष्णापुरी पुलिस व औषधि नियंत्रक विभाग की टीम ने खाजपुरा व हनुमान नगर स्थित दो गोदामों में छापेमारी कर नामी-गिरामी दस दवा कंपनियों की लगभग पचास लाख की नकली जीवन रक्षक दवाएं जब्त की थीं. इस मामले में पुलिस टीम ने दो गोदाम मालिक समेत पांच लोगों को पकड़ने में सफलता प्राप्त की थी. इन लोगों के पास से नकली दवाओं के साथ ही खाली रैपर, मुहर, 32 हजार नकद, एक दर्जन मोबाइल फोन, रेलवे की बिल्टी, प्लास्टिक, दवा के धंधे से जुड़े दस्तावेज समेत कई स्थानीय दुकानदारों द्वारा माल लेने की रसीद भी बरामद की गयी थी.

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