पटना : मैट्रिक परीक्षा 2019 में दोनों पालियों में उत्तर पुस्तिका (कॉपी) का रंग अलग-अलग होगा. चूंकि, दोनों पालियों में अलग-अलग विद्यार्थी होते हैं, इसलिए बिहार बिहार बोर्ड ने यह निर्णय लिया है. बोर्ड अध्यक्ष आनंद किशोर ने मैट्रिक और इंटर परीक्षा-2019 को लेकर शुक्रवार को बोर्ड सभागार में बैठक की. बैठक में उक्त निर्णय लिये जाने के साथ ही उन्होंने कई दिशा-निर्देश दिये. इस क्रम में विशेष रूप से बारकोडिंग, परीक्षा संचालन व मूल्यांकन की प्रक्रिया, विभिन्न परीक्षा केंद्रों पर प्रशासनिक व्यवस्था और अधिक बेहतर व सुदृढ़ तथा कदाचारमुक्त परीक्षा संपन्न कराने आदि पर विचार-विमर्श किया गया.
साथ ही सुझाव लिये गये. बैठक में विभिन्न जिलों के अपर समाहर्ता-सह-चीफ सेक्रेसी ऑफिसर, उप समाहर्ता-सह-डिप्टी चीफ सेक्रेसी ऑफिसर, विभिन्न केंद्रों के केंद्राधीक्षक व मूल्यांकन निदेशक, बोर्ड के सचिव अनुप कुमार सिन्हा, संयुक्त सचिव सह परीक्षा नियंत्रक (उमा) योगेश मिश्रा, परीक्षा नियंत्रक (मा) सलाहुद्दीन खां व अन्य वरीय पदाधिकारी उपस्थित थे.
ओएमआर पर अवार्ड शीट का रंग बदलेगा : इंटरमीडिएट व मैट्रिक की परीक्षा में ओएमआर शीट में लेफ्ट व राइट हिस्सा विद्यार्थियों द्वारा भरा जाता है. बीच का हिस्सा अवार्ड शीट होता है, जिसे मूल्यांकन के बाद परीक्षकों के द्वारा भरा जाता है. अत: ओएमआर शीट के बीच के हिस्से को अन्य दो भागों से अलग करने के लिए उसका रंग अन्य हिस्सों की तुलना में किसी अन्य रंग का करने का अध्यक्ष आनंद किशोर ने निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि उस हिस्से को विद्यार्थियों द्वारा नहीं भरने से संबंधित निर्देश भी बड़े अक्षर में प्रिंट किया जाये. ताकि, विद्यार्थी उस हिस्से का उपयोग न करें.
अगले वर्ष से ‘मूल्यांकन प्रोत्साहन योजना’ लागू किये जाने का प्रस्ताव
बैठक के क्रम में मूल्यांकन के दौरान परीक्षकों को दिये जा रहे पारिश्रमिक पर भी विचार किया गया. अध्यक्ष ने बताया कि परीक्षकों के प्रोत्साहन राशि में वृद्धि के लिए ही समिति द्वारा वर्ष 2019 से ‘मूल्यांकन प्रोत्साहन योजना’ लागू किये जाने का प्रस्ताव है. इस योजना का लक्ष्य त्रुटिरहित मूल्यांकन है. त्रुटिरहित मूल्यांकन करने पर परीक्षकों को प्रोत्साहन राशि के रूप में पारिश्रमिक की तुलना में कम-से-कम 30 प्रतिशत तक की अतिरिक्त राशि दी जायेगी. वहीं, जिन केंद्रों से इस बार त्रुटि पूर्ण रिपोर्ट प्राप्त हुई है, उनके खिलाफ एक महीने के अंदर कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है.
बारकोडिंग की होगी सतत निगरानी, 20 प्रतिशत तक प्रोत्साहन राशि : बैठक में बारकोडिंग कार्य की सतत निगरानी का निर्णय लिया गया. कहा गया कि सभी जिलों में चीफ सेक्रेसी ऑफिसर के साथ ही एक एडिशनल चीफ सेक्रेसी ऑफिसर के पद पर भी जिले के अपर समाहर्ता स्तर के पदाधिकारी अथवा सीनियर डिप्टी कलक्टर की प्रतिनियुक्ति की जाये. उन्हें समिति द्वारा चीफ सेक्रेसी ऑफिसर को देय भत्ता अनुमान्य होगा. अध्यक्ष आनंद किशोर ने राज्य के सभी जिला पदाधिकारियों को पत्र निर्गत कर जिलों में वैसे केंद्रों की बारकोडिंग सेंटर बनाने पर विचार करने का निर्देश दिया, जहां मतगणना होती है,
ताकि बारकोडिंग कार्य के लिए अधिक स्थान उपलब्ध हो सके. साथ ही बारकोडिंग कार्य में अधिक संख्या में कर्मियों की प्रतिनियुक्ति कर समय से पूरा किया जा सके. बैठक के क्रम में बारकोडिंग कार्य की गुणवत्ता में सुधार के लिए आनंद किशोर ने इस कार्य में लगे कर्मियों को भी प्रोत्साहन राशि की भी जानकारी दी. उन्होंने कहा कि सफलतापूर्वक व त्रुटिरहित बारकोडिंग कार्य करने के लिए मानदेय के अतिरिक्त 20 प्रतिशत तक प्रोत्साहन राशि दी जायेगी. उन्होंने कहा कि इंटरमीडिएट व मैट्रिक परीक्षा आयोजन के अगले दिन संबंधित विषय की व्यवहृत उत्तर पुस्तिकाओं की हर हाल में बारकोडिंग कर ली जाये.
अलग-अलग ग्रिवांस पोर्टल
बोर्ड अध्यक्ष ने बताया कि जिला स्तर के पदाधिकारियों यथा-जिलाधिकारी, अपर समाहर्ता, उप समाहर्ता आदि के लिए भी अपनी समस्याओं को बोर्ड के समक्ष रखने के लिए बोर्ड की वेबसाइट पर ग्रिवांस पोर्टल उपलब्ध रहेगा. इस संबंध में उन्होंने छह सितंबर की बैठक में आईटी निदेशक को निर्देश दिया था, जिसमें बोर्ड की वेबसाइट पर जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी की समस्याओं के लिए अलग, परीक्षा व मूल्यांकन केंद्रों व विद्यार्थियों के लिए विद्यार्थियों की शिकायतों के निवारण व मॉनीटरिंग के लिए अलग-अलग ग्रिवांस पोर्टल बनाने को कहा गया है. मॉडल एग्जामिनेशन सेंटर से संबंधित राशि जिला पदाधिकारी के बदले सीधे जिला शिक्षा पदाधिकारी को भेजने के संबंध में निर्देश दिये गये. बेंच-डेस्क छोड़ सारी राशि जिला शिक्षा पदाधिकारी के खाते में भेजने को कहा.
जिन विश्वविद्यालयों ने कैलेंडर के मुताबिक नहीं करायी परीक्षा, उनसे मांगा गया जवाब
बिना अनुमति के कैलेंडर में नहीं होगा बदलाव
प्रधान सचिव ने परीक्षा नियंत्रकों से कहा कि लंबित परीक्षाओं के लिए निर्धारित कैलेंडर में किसी तरह का परिवर्तन बिना राज्यपाल की अनुमति के नहीं की जा सकती है. किसी तरह के परिवर्तन के लिए राज्यपाल सचिवालय की अनुमति लेना आवश्यक होगा. इस विलंब के लिए हर तरह से जिम्मेवार अधिकारी या कर्मी को चिन्हित करते हुए स्पष्ट रूप से अंकित करना होगा. राजभवन की तरफ से तैयार कैलेंडर का हर हाल में पालन होना चाहिए. ताकि सभी विवि के सत्र समय पर पूरा हो सकें.