10.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

पटना : मुख्य निर्वाचन अधिकारी बोले जानकारी सुरक्षित, सेंध की गुंजाइश नहीं

सभी जिलों के डीएम को मिली ट्रेनिंग पटना : वर्ष 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव की तैयारी विधिवत तरीके से शुरू हो गयी है. इसके तहत राज्य निर्वाचन विभाग ने कवायद शुरू करते हुए बुधवार को सभी जिलों के डीएम, निर्वाचन पदाधिकारी समेत अन्य अधिकारियों को ट्रेनिंग देने का सिलसिला शुरू कर दिया है. […]

सभी जिलों के डीएम को मिली ट्रेनिंग
पटना : वर्ष 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव की तैयारी विधिवत तरीके से शुरू हो गयी है. इसके तहत राज्य निर्वाचन विभाग ने कवायद शुरू करते हुए बुधवार को सभी जिलों के डीएम, निर्वाचन पदाधिकारी समेत अन्य अधिकारियों को ट्रेनिंग देने का सिलसिला शुरू कर दिया है.
इसी क्रम में शहर के एक होटल में पूरे दिन की कार्यशाला आयोजित की गयी, जिसमें सभी डीएम को चुनाव कराने और इससे जुड़े नियम-कायदों का पाठ पढ़ाया गया. प्रेस वार्ता के दौरान इससे संबंधित जानकारी देते हुए राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी एचआर श्रीनिवास ने कहा कि सभी वोटरों की पूरी जानकारी हर तरह से सुरक्षित है
इसमें किसी तरह की सेंधमारी की कोई गुंजाइश नहीं है. चुनाव में मसल और मनी पावर के प्रयोग को रोकने के लिए ठोस कार्रवाई की जायेगी. पूरे देश में 87 करोड़ मतदाता हैं, जिनकी पूरा डाटाबेस केंद्रीयकृत व्यवस्था के तहत भारत निर्वाचन आयोग के नियंत्रण में सुरक्षित रखा गया है.
इसमें किसी तरह की छेड़छाड़, हैकिंग या फेरबदल की कहीं से कोई संभावना नहीं है. पूरा डाटाबेस एक स्थान यूएनपीईआर (यूनिफाइड नेशनल फोटो इलेक्ट्रोरल रजिस्टर) पर रखा हुआ है. किसी भी जिला या राज्य से इसमें सीधे किसी भी तरह का काम या संशोधन कर सकते हैं. इसके लिए सभी संबंधित अधिकारियों और जिला स्तर पर डीएम को एक यूजर आईडी और पासवर्ड दिया गया है.
कार्यशाला के दौरान सभी डीएम को खासतौर से निर्देश दिया गया है कि वे अपना पासवर्ड और यूजर आईडी अपने कंप्यूटर ऑपरेटर से भी साझा नहीं करें.
इसमें किसी तरह की लापरवाही नहीं बरते. साइबर सिक्युरिटी से जुड़े तमाम महत्वपूर्ण पहलुओं के बारे में विस्तृत जानकारी सभी डीएम को दी गयी. अधिकारियों को ट्रेनिंग देने और इसके सुरक्षा संबंधित प्रणाली की जानकारी देने के लिए ईवीएम बनाने वाली मशीन बीईएल के इंजीनियरों की टीम भी आयी हुई थी. राजनीतिक दलों के साथ भी यह कार्यशाला की गयी.
साथ वीवीपैट लगाना अनिवार्य
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने बताया कि इस बार सभी ईवीएम के साथ वीवीपैट (वोटर वेरीफायड पेपर ऑडिट ट्रेल) अनिवार्य रूप से लगाया जायेगा. इससे सभी वोटरों को वोट करने के बाद सात सेकंड तक यह दिखेगा कि उन्होंने किसे वोट किया है.
इसकी पर्ची फटकर एक बक्से में जमा हो जायेगी. राज्य में मतदाता बूथों की संख्या 72 हजार है. उन्होंने कहा कि वर्ष 2018 को सुगम मतदाता वर्ष मनाने का निर्णय लिया गया है.
सभी बूथों पर मतदाताओं की सुविधाओं के लिए विकलांगों
के लिए रैंप, पंखा, पानी, शौचालय समेत तमाम सुविधाएं मुहैया करायी जायेंगी. अगर कोई वृद्ध या विकलांग व्यक्ति वोट करने आते हैं, तो उन्हें सबसे पहले वोट डालने की व्यवस्था की जायेगी. इनके लिए किसी तरह की लाइन नहीं लगेगी.
भोजपुर समेत दो जिलों के डीएम से पूछा गया देर होने का कारण: यह कार्यशाला सुबह साढ़े नौ बजे से ही आयोजित की गयी थी. सभी अधिकारियों को समय पर आने की सख्त हिदायत दी गयी थी. परंतु आरा समेत एक अन्य जिला के डीएम करीब दो-ढाई घंटे की देरी से पहुंचे. इस पर उनसे इसका कारण पूछा गया. उन्होंने बताया कि हाईकोर्ट में केस के दौरान उपस्थित होना था. इस वजह से देरी हो गयी.
तीन स्तरों पर ईवीएम की जांच
ईवीएम और वीवीपैट की 86 हजार से ज्यादा यूनिटें राज्य में आ गयी हैं. इनकी जांच तीन चरणों में होगी. इसके बाद ही इसे अंतिम रूप से सील करके स्ट्रांग रूम में रखा जायेगा. इसकी सील खास किस्म की होगी और इस पर निर्वाचन अधिकारी, सभी पार्टी के नेता समेत अन्य का हस्ताक्षर भी रहेगा.
पांच फीसदी ईवीएम को ट्रेनिंग के लिए रखा गया है. इसके लिए कई वैन भी बनाये गये हैं, जो अलग-अलग जिलों में जाकर आम लोगों को जानकारी देंगे. ईवीएम किसी भी मौसम में काम कर सकता है. इसे माइनस पांच डिग्री सेल्सियस से लेकर 55 डिग्री सेल्सियस के बीच टेस्ट करके देखा जा चुका है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें