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पटना : नागपुरी पिंक सील के यूनिक नंबर से होगी अब ईवीएम की ट्रैकिंग, चौबीसों घंटे होगी सुरक्षा

राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि कर सकेंगे मॉक पोल पटना : ऐन चुनाव के वक्त ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) या वीवीपैट (वोटर वेरिफाइएबल पेपर ऑडिट ट्रेल) की गड़बड़ी की शिकायत दूर करने के लिए इनकी एफएलसी (फर्स्ट लेवल चेकिंग) शुरू हो गयी है. चुनाव आयोग ने जिला निर्वाचन पदाधिकारियों को मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों […]

राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि कर सकेंगे मॉक पोल
पटना : ऐन चुनाव के वक्त ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) या वीवीपैट (वोटर वेरिफाइएबल पेपर ऑडिट ट्रेल) की गड़बड़ी की शिकायत दूर करने के लिए इनकी एफएलसी (फर्स्ट लेवल चेकिंग) शुरू हो गयी है.
चुनाव आयोग ने जिला निर्वाचन पदाधिकारियों को मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों की उपस्थिति व सीसीटीवी की निगरानी में उपलब्ध ईवीएम-वीवीपैट की एफएलसी का निर्देश दिया है.
इसके लिए भेल (भारत इलेक्ट्रॉनिक लिमिटेड) व ईसीआइएल (इलेक्ट्रॉनिक्स काॅरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड) के इंजीनियरों की टीम का रैंडमली सेलेक्शन कर जिलों में भेजा गया है. एफएलसी ओके चिह्नित ईवीएम-वीवीपैट लोकसभा चुनाव तक कड़ी निगरानी में सुरक्षित रखे जायेंगे, जबकि खराब ईवीएम को एक हफ्ते के अंदर संबंधित कंपनी को मरम्मत के लिए भेज दिया जायेगा.
वेबकास्टिंग से आयोग रखेगा नजर एफएलसी के लिए चयनित जगह पर सीसीटीवी और वीडियोग्राफी का इंतजाम रहेगा. हर जगह जांच प्रक्रिया की वेबकास्टिंग होगी, ताकि मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी भी अपने कार्यालय से इस पर नजर रख सकें. जांच के कम से कम एक हफ्ते पहले मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के जिलास्तरीय प्रतिनिधियों को इसकी सूचना देना अनिवार्य है.
प्रतिनिधियों को मॉक पोल की मिलेगी अनुमति : एफएलसी में शामिल राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को मॉक पोल की अनुमति दी जायेगी. सबसे पहले मशीन को साफ करने के लिए बाहरी टैग को हटाने के साथ ही पुराने डाटा को डिलीट किया जायेगा. फिर उसके स्विच ऑन-ऑफ बटन देखे जायेंगे.
मॉक पोल के दौरान ईवीएम (कंट्रोल-बैलेट यूनिट) के सभी 16 बटन दबा कर उसका प्रिंट आउट निकाला जायेगा. इसके लिए राजनीतिक प्रतिनिधि कोई भी ईवीएम रैंडमली सेलेक्ट करेंगे. वीवीपैट के मामले में सभी 16 बटन पर छह-छह बार क्लिक कर उसके स्लिप को दिखाया जायेगा.
नहीं खुलेगी कंट्रोल यूनिट
एफएलसी पूरा होने के बाद ईवीएम पर एफएलसी ओके का स्टीकर चिपकाया जायेगा, जिस पर संबंधित इंजीनियर, प्रशासनिक अधिकारी व राजनीतिक प्रतिनिधि के हस्ताक्षर होंगे. इसके बाद ईवीएम के कंट्रोल यूनिट को खोला नहीं जा सकेगा. इसके लिए उस पर नागपुर सिक्यूरिटी प्रेस का स्पेशल पिंक पेपर स्लिप लगाया जायेगा. यह सील कंट्रोल यूनिट में उम्मीदवार और रिजल्ट सेक्शन के पास लगेगा.
इस पर एक यूनिक नंबर भी होगा, जिसे इंजीनियर ईवीएम ट्रैकिंग सॉफ्टवेयर (मोबाइल एप) पर स्टोर करेंगे. इस यूनिक नंबर को एक रजिस्टर पर भी अंकित किया जायेगा, जिसकी छाया प्रति बाद में राजनीतिक दलों को नि:शुल्क उपलब्ध करायी जायेगी.इसी यूनिक नंबर की मदद से बाद में ईवीएम की ट्रैकिंग व रैंडमली सेलेक्शन कर उनको बूथों पर भेजा जायेगा.
चौबीसों घंटे होगी ईवीएम की सुरक्षा
निर्वाचन आयोग ने एफएलसी के बाद ओके पाये ईवीएम की सुरक्षा को लेकर अलग से सुरक्षा निर्देश दिये हैं. राउंड द क्लॉक (24 घंटे) इसकी सिक्यूरिटी के लिए कम से कम एक सेक्शन आर्म्स फोर्स रहेगा. सीसीटीवी के साथ ही आगंतुक रजिस्टर भी रहेगा, जिस पर हर आने-जाने वाले के हस्ताक्षर होंगे

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