पटना : राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा दो दिन बाद ही अपने बयान को लेकर स्पष्टीकरण दिया है. अब वह कहने लगे है कि ‘मैं सामाजिक एकता के बारे में बात कर रहा था. किसी भी राजनीतिक दल के साथ किसी भी जाति समुदाय की पहचान न करें’. मालूम हो कि इससे पहले उन्होंने ‘यदुवंशी का दूध और कुशवंशी का चावल मिल जाये, तो उत्तम खीर बन सकती है’ कह कर सूबे के राजनीति हलके में सियासी तूफान ला दिया था.
I was talking about social unity. Please don't identify any caste community with any political party: Upendra Kushwaha,Union Minister and RLSP Chief on his earlier statement 'Yaduvanshi(Yadavs) ka doodh aur Kushvanshi(Koeri community) ka chawal mil jaye to kheer badhiya hogi.' pic.twitter.com/qU7qf9CH4L
— ANI (@ANI) August 27, 2018
गौरतलब हो कि शनिवार को बीपी मंडल की 100वीं जयंती के मौके पर उपेंद्र कुशवाहा ने कहा था कि यदुवंशी का दूध और कुशवंशी का चावल मिल जाये तो उत्तम खीर बन सकती है. यहां काफी संख्या में यदुवंशी समाज के लोग जुटे हैं. यदुवंशियों का दूध और कुशवंशियों का चावल मिल जाये तो खीर बनने में देर नहीं लगेगी. लेकिन, यह खीर तब तक स्वादिष्ट नहीं होगी जब तक इसमें छोटी जाति और दबे-कुचले समाज का पंचमेवा नहीं पड़ेगा. यही सामाजिक न्याय की असली परिभाषा है.
इसके साथ ही केंद्रीय मंत्री ने कहा था कि बीपी मंडल ने बिहार के विकास में बड़ा योगदान दिया. वे गरीबों के मसीहा थे और उनका बिहार हमेशा ऋणी रहेगा. आरक्षण के मसले पर उन्होंने कहा कि नौकरियां रहेंगी तब तो आरक्षण मिलेगा. सरकारी क्षेत्र में नौकरियां दिन पर दिन कम हो रही हैं. इसलिए निजी क्षेत्र में आरक्षण लागू करने की जरूरत है. सामाजिक, आर्थिक जनगणना रिपोर्ट को सार्वजनिक की जानी चाहिए. ताकि, हर जाति की आबादी की जानकारी मिल सके. इसके अनुसार लोगों को उसका लाभ मिल रहा है या नहीं तभी पता चलेगा. उन्होंने कहा कि प्रदेश की शिक्षा ठीक नहीं है. सरकारी स्कूलों में पढ़ाई का स्तर अच्छा नहीं है. इस मसले को गंभीरता से लेना चाहिए.
विदित हो कि उपेंद्र कुशवाहा के इस बयान के बाद सूबे राजनीतिक गलियारों में काफी हलचल बढ़ गयी थी. इस ब्यान के बाद बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता और पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी ने उपेंद्र कुशवाहा के स्वादिष्ट खीर भोज का स्वागत किया है. तेजस्वी ने ट्वीट कर कहा था, "नि:संदेह उपेंद्र जी, स्वादिष्ट और पौष्टिक खीर श्रमशील लोगों की जरूरत है. पंचमेवा के स्वास्थवर्धक गुण ना केवल शरीर बल्कि स्वस्थ समतामूलक समाज के निर्माण में भी उर्जा देता है. प्रेमभाव से बनायी गयी खीर में पौष्टकिता स्वाद और उर्जा की भरपूर मात्रा होती है. यह एक अच्छा व्यंजन है."