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अतिक्रमण हटाओ अभियान : हटाने होंगे बिजली के पोल, कब्जे में लेनी होगी जमीन, तभी फायदा

सड़क के अलावा बिल्डिंग बायलॉज व पीआरडीए के निर्माण पर हो रही है कार्रवाई पटना : 16 अगस्त से पूरे शहर में अतिक्रमण हटाने का अभियान चल रहा है. बोरिंग रोड, पीरमुहानी, नाला रोड, बाईपास, हड़ताली मोड़ से शेखपुरा, राजेंद्र नगर और मीठापुर बस स्टैंड से विशेष रूप से अतिक्रमण पर कार्रवाई की गयी है. […]

सड़क के अलावा बिल्डिंग बायलॉज व पीआरडीए के निर्माण पर हो रही है कार्रवाई
पटना : 16 अगस्त से पूरे शहर में अतिक्रमण हटाने का अभियान चल रहा है. बोरिंग रोड, पीरमुहानी, नाला रोड, बाईपास, हड़ताली मोड़ से शेखपुरा, राजेंद्र नगर और मीठापुर बस स्टैंड से विशेष रूप से अतिक्रमण पर कार्रवाई की गयी है. कई जगहों पर सड़क की चौड़ाई बढ़ गयी है. कई चौराहे बिल्कुल खुले-खुले नजर आ रहे हैं. मगर बावजूद इसके अतिक्रमण हटाने का फायदा आम लोगों को उतना नहीं मिल रहा है. चौराहे की चौड़ाई बढ़ने के बावजूद जाम की समस्या से निजात नहीं मिल रही है. इसके पीछे कारण है कि प्रशासन प्राइवेट अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई जोर-शोर से कर रहा है.
लेकिन, सरकारी स्तर पर जो अतिक्रमण मसलन सड़क के किनारे बिजली और टेलीफोन के खंभे हैं, उनको हटाने की कार्रवाई नहीं की जा रही है. इसके अलावा जो अतिक्रमण हटाने के बाद जगह खाली कराया गया है. उस पर सड़क बनाने या फुटपाथ बनाने की कार्रवाई नहीं हो रही है. ऐसे में दस दिनों के अभियान का फायदा अब तक आम लोगों को नहीं मिल पाया है.
सिर्फ चहारदीवारी तोड़ने से जाम से निजात नहीं : बोरिंग रोड पर प्रशासन ने जोरदार अभियान चलाया है. इस क्रम में हड़ताली मोड़ से लेकर राजापुर पुल तक एक दर्जन से अधिक भवन के चहारदीवारी तोड़े जा चुके हैं. इस जगह के अभियान में दो बातें निकल कर सामने आयी है.
पहला तो प्रशासन ने जितनी तोड़-फोड़ हड़ताली मोड़ से राजापुर पुल जाने के क्रम में बायें तरफ कार्रवाई की है. उसके एक चौथाई भी दाहिने तरफ कार्रवाई नहीं की गयी है. इसके अलावा जिनके चहारदीवारी तोड़े गये हैं.
उनको सड़क में मिलाने का काम नहीं किया जा रहा है. फुटपाथ के बाद जो जगह मिली है, वो अभी भी अतिक्रमणकारी के कब्जे में हैं. सड़क को चौड़ा करने और फुटपाथ को और अंदर ले जाने को लेकर अभी सारे आदेश केवल मौखिक हैं. प्रशासन ने न तो लिखित रूप में कोई योजना बनायी है और न ही जमीन पर इसको लेकर कोई कार्रवाई की गयी है. ऐसे में अब तक इसका फायदा आम लोगों को नहीं मिल रहा है. इसको लेकर जाम पर भी कोई असर नहीं दिख रहा.
धार्मिक स्थलों पर है अगला प्लान
अभियान को बढ़ा कर अब पांच सितंबर तक कर दिया गया है. यानी कुल मिला कर अभी दस दिनों का अभियान और चलेगा. इसमें कई अन्य जगहों पर प्रशासन बड़े पैमाने पर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई करेगा. इसके बाद प्रशासन के एजेंडे में ऑर ब्लॉक-दीघा रेलखंड से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई है. सूत्रों की मानें, तो प्रशासन की तैयारी सड़क के किनारे बने धार्मिक स्थलों को हटाने को लेकर भी है. इस अभियान के बाद वहां भी कार्रवाई की जायेगी.
अतिक्रमण के अलावा शहर में सबसे बड़ी समस्या सड़क पर वाहन पार्किंग करनेवालों को लेकर हो रही हैं. जांच के बाद इसमें दो तरह की बातें निकल कर सामने आयी. पहली तो कई महत्वपूर्ण जगहों पर लोग खुद ही वाहन लगा कर चले जाते हैं. वहीं, दूसरी तरफ शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, दुकानदारों व अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठानों की ओर से कब्जा कर सड़क पर ही स्थायी पार्किंग बना रखी है.
ऐसे में प्रशासन की नजर इस पर भी बनी हुई है. प्रमंडलीय आयुक्त के निर्देश पर ट्रैफिक एसपी खुद सड़क पर उतर वाहनों के चालान काट रहे हैं. वाहन जब्त किये जा रहे हैं और बाईपास, फ्रेजर रोड, डाकबंगला के अलावा बोरिंग रोड, बेली रोड व अशोक राजपथ पर ऐसे प्रतिष्ठानों की सूची तैयार की जा रही है. जिनके पास खुद की पार्किंग नहीं है. अब इन पर कार्रवाई की जायेगी.

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