11.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

पीएमसीएच में ध्वनि प्रदूषण से खतरा नहीं

मापी गयी ध्वनि, पहले दिन 50 डेसीबल किया गया दर्ज पटना : पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इलाज कराने आ मरीज ध्वनि प्रदूषण के खतरे से बाहर हैं, क्योंकि अस्पताल परिसर में ध्वनि प्रदूषण का स्तर 50 डेसीबल है. दरअसल पीएमसीएच में बंद पड़े ध्वनि मापक यंत्र को अस्पताल प्रबंधन ने दुरुस्त करवा लिया है. […]

मापी गयी ध्वनि, पहले दिन 50 डेसीबल किया गया दर्ज
पटना : पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इलाज कराने आ मरीज ध्वनि प्रदूषण के खतरे से बाहर हैं, क्योंकि अस्पताल परिसर में ध्वनि प्रदूषण का स्तर 50 डेसीबल है. दरअसल पीएमसीएच में बंद पड़े ध्वनि मापक यंत्र को अस्पताल प्रबंधन ने दुरुस्त करवा लिया है. मशीन प्रिंसिपल चेंबर के पीछे खाली जमीन के पास स्थापित की गयी है. गुरुवार को इस मशीन ने काम करना शुरू कर दिया. इस मशीन से अस्पताल में ध्वनि प्रदूषण का पल-पल का रिकॉर्ड रखा जायेगा.
80 डेसीबल है पैमाना : पीएमसीएच के अधीक्षक डॉ राजीव रंजन प्रसाद ने बताया कि अस्पताल में 80 डेसीबल से ज्यादा ध्वनि नहीं होनी चाहिए. ऐसे में ध्वनि का स्तर 50 डेसीबल रहना अच्छी बात है. रात को 10 बजे के बाद तेज संगीत नहीं बजनी चाहिए. उन्होंने बताया कि अस्पताल में तेज आवाज वाले हॉर्न पर भी पाबंदी है. चूंकि पीएमसीएच में प्रतिदिन सैकड़ों गाड़ियों का आना-जाना होता है, ऐसे में ध्वनि प्रदूषण का स्तर बढ़ जाता है. लेकिन अब आवाज वाली गाड़ियों पर पाबंदी लगायी जायेगी.
सायलेंट जोन में आता है अस्पताल : अधीक्षक डॉ राजीव ने कहा कि अस्पताल सायलेंट जोन में आता है. इसलिए यदि ध्वनि का स्तर 40 से 50 के बीच है, तो इसे मरीजों के लिए सुरक्षित स्थान कहा जायेगा. उन्होंने कहा कि अगर 80 डेसिबल से अधिक गाड़ियों का परिचालन नहीं हो इसके लिए अस्पताल के सुरक्षा कर्मी और बाकी स्वास्थ्य अधिकारियों को अलर्ट किया गया है. इतना ही नहीं ध्वनि प्रदूषण करने वाली गाड़ियों पर कार्रवाई करने का आदेश जारी किया गया है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें