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बैंकों की लोन रिकवरी के 26707 मामले लंबित

सुबोध कुमार नंदन पटना : सार्वजनिक बैंकों ने उन कर्जदारों पर नकेल कसना शुरू कर दिया है, जिन्होंने लोन अवधि बीत जाने के बाद भी पैसे बैंक को वापस नहीं किये हैं. पटना जिले के 14 बैंकों के लगभग 26,707 कर्जदारों के पास तकरीबन 315.07 करोड़ रुपये कर्ज है. पिछले दिनाें हुई जिला स्तर बैंकर्स […]

सुबोध कुमार नंदन
पटना : सार्वजनिक बैंकों ने उन कर्जदारों पर नकेल कसना शुरू कर दिया है, जिन्होंने लोन अवधि बीत जाने के बाद भी पैसे बैंक को वापस नहीं किये हैं. पटना जिले के 14 बैंकों के लगभग 26,707 कर्जदारों के पास तकरीबन 315.07 करोड़ रुपये कर्ज है. पिछले दिनाें हुई जिला स्तर बैंकर्स कमिटी की बैठक में बैंक अधिकारियों ने इस मुद्दे को उठाया था. लोन रिकवरी को लेकर बैंक अधिकारी पिछले तीन माह से दिन-रात एक किये हुए हैं. बैंक प्रबंधन बढ़ते एनपीए को लेकर काफी सख्त हैं.
किस बैंक में कितने कर्जदार : सबसे अधिक कर्जदार भारतीय स्टेट बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, यूको बैंक, देना बैंक, बैंक ऑफ इंडिया के हैं. बैंक सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सबसे अधिक बकाया कृषि लोन है. इसके बाद रोजगार योजना के तहत बंटे लोन की, फिर सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्योग के नाम पर लिये गये लोन की. एजुकेशन और हाउसिंग लोन के बकायेदारों की संख्या भी काफी है. अधिकारियों बताते हैं कि सबसे अधिक परेशानी कृषि लोन की वसूली में होती है. किसानों को उम्मीद रहती है कि सरकार लोन माफ कर देगी. इसी कारण वे लोन वापस नहीं करना चाहते. सरकारी योजना के तहत लिये गये लोन की वापसी भी नहीं हो पाती है. लोन रिकवरी के लिए जब कर्मचारी जाते हैं तो अधिकांश कर्जदारों का पता ही नहीं चलता.
बैंक अधिकारी ने बताया कि जब कर्जदार लंबे समय के बाद भी लोन वापस नहीं करते है तो बैंक द्वारा उस क्षेत्र के अंचल अधिकारी के पास केस फाइल किया जाता है.
इसकी मॅानिटरिंग जिलाधिकारी स्तर पर की जाती है. बैंकों के पब्लिक डेबिट रिकवरी का मामला सरकार के पास लंबित है. अगर लंबित मामलों पर सरकार कार्रवाई करेंगी तो लोन वापसी सौ फीसदी तो नहीं 70-80 फीसदी तक हो सकती है.
बैंक कर्जदार रकम
स्टेट बैंक 21164 14483
पीएनबी 2867 2041
सेंट्रल बैंक 1142 988
बीओएम 383 905
यूको बैंक 374 1184
देना बैंक 301 1375
बीओआई 152 1890
(लाख में)

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