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यूजीसी नेट : नेट में पहला कॉमन पेपर रहा काफी टफ
पहली बार नये पैटर्न से हुई सिर्फ दो पेपरों की परीक्षा सुबह 7:00 बजे से केंद्रों पर पहुंचने लगे थे छात्र राजधानी के 55 केंद्रों समेत देशभर में आयोजित हुई परीक्षा जीके-जीएस व एप्टीट्यूट के प्रश्नों ने किया परेशान पटना : सीबीएसई के द्वारा नेट-जेआरएफ की परीक्षा रविवार को राजधानी के 55 केंद्रों समेत देशभर […]
पहली बार नये पैटर्न से हुई सिर्फ दो पेपरों की परीक्षा
सुबह 7:00 बजे से केंद्रों पर पहुंचने लगे थे छात्र
राजधानी के 55 केंद्रों समेत देशभर में आयोजित हुई परीक्षा
जीके-जीएस व एप्टीट्यूट के प्रश्नों ने किया परेशान
पटना : सीबीएसई के द्वारा नेट-जेआरएफ की परीक्षा रविवार को राजधानी के 55 केंद्रों समेत देशभर में आयोजित की गयी. पहली बार नये पैटर्न से सिर्फ दो पेपर की परीक्षा आयोजित हुई थी. परीक्षार्थियों की मानें तो पहले के मुकाबले पेपर को और भी कठिन कर दिया गया है. तीन की जगह दो पेपर होने से छात्रों की परीक्षा कम समय में हो गयी जिससे उनको एक तरफ राहत मिली तो दूसरी तरफ दोनों ही पेपर काफी टफ होने से परेशानी हुई.
खासकर पहला पेपर जो सबके लिए कॉमन था, वह काफी टफ था. इसमें जीके-जीएस व एप्टीट्यूट टेस्ट के प्रश्न अधिक थे. छात्रों ने बताया कि पहले पेपर में काफी कम समय दिया गया था. एक घंटे में पचास प्रश्न हल करने थे.
इसमें ज्यादातर प्रश्नों में छात्रों को काफी अधिक समय लगा. दूसरे पेपर में टाइमिंग की समस्या नहीं थी, लेकिन कई छात्रों के अनुसार उसमें भी काफी कठिन प्रश्न पूछे गये थे.
परीक्षा सुबह 9:30 से प्रारंभ हुई. छात्र 7:00 बजे से ही केंद्रों पर पहुंचने लगे थे. जाम या दूसरे कारणों के देखते हुए छात्रों को सात बजे ही रिपोर्ट करने को कहा गया था. ठीक नौ बजे छात्रों को परीक्षा हॉल में प्रवेश करा दिया गया.
9:15 में टेस्ट बुकलेट दे दिया गया. इस दौरान छात्रों को नाम और रॉल नंबर आदि जानकारियां भरनी थीं. 9:30 में छात्रों को बुकलेट का सील खोलने की अनुमति दी गयी. 9:30 के बाद किसी भी छात्र को प्रवेश करने की इजाजत नहीं थी. पहला पेपर 10:30 में समाप्त हुआ. इसके बाद परीक्षा केंद्र से बाहर जाने नहीं दिया गया. हालांकि छात्र परीक्षा हॉल से निकलकर केंद्र के भीतर ही थे. छोटे ब्रेक के बाद फिर दूसरे पेपर के लिए छात्रों को 10:50 में प्रवेश करा दिया गया. ठीक 11 बजे दूसरे पेपर की परीक्षा शुरू हुई जो दोपहर 1:00 बजे समाप्त हो गयी.
कुछ जगह मोबाइल फोन को लेकर हुई बकझक
परीक्षा हॉल के बाहर काफी सख्त सुरक्षा थी. छात्रों को परीक्षा हॉल के भीतर पेन, आई-कार्ड, एडमिट कार्ड व पीने के पानी का बोतल छोड़कर कुछ भी ले जाने की इजाजत नहीं थी. कई जगहों पर मोबाइल फोन केंद्र के भीतर ले जाने से रोकने पर परीक्षार्थियों और परीक्षा केंद्र के लोगों में बकझक हुई. बैग, घड़ी, पर्स व मोबाइल फोन बाहर रखवा दिये गये थे. मोबाइल फोन को केंद्र के गेट से भी भीतर नहीं जाने दिया जा रहा था. राजधानी के इंटरनेशन स्कूल स्थित सेंटर पर तो मेटर डिटेक्टर से चेकिंग के बाद प्रवेश दिया जा रहा था.
पहले होती थी तीन पेपरों की परीक्षा
इस बार की परीक्षा से पहले यूजीसी नेट-जेआरएफ की तीन पेपर की परीक्षा होती थी. पहली बार सिर्फ दो पेपर की परीक्षा हुई. पहले पेपर में पचास प्रश्न सौ अंकों के थे. वहीं दूसरा पेपर दो सौ अंकों का था. दूसरे पेपर में कुल सौ प्रश्न होते थे. सभी प्रश्नों के उत्तर अनिवार्य थे. परीक्षा हॉल में काफी सख्ती थी. एक बेंच पर सिर्फ दो लोगों के लिए सिटिंग अरेंजमेंट किया गया था. पहला पेपर सभी विषयों के लिए कॉमन था. वहीं दूसरे पेपर में संबंधित विषय से प्रश्न पूछे गये थे. छात्रों को ओएमआर शीट दी गयी थी जिसमें सही उत्तर के ऑप्शन पर ब्लू या ब्लैक बॉल पेन गोला भरना था.
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