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पटना : सूबे के महत्वपूर्ण भवनों को सुरक्षित रखने के लिए की जायेगी रेट्रोफिटिंग
दरभंगा, सुपौल व सीतामढ़ी में जल्द शुरू होगा काम पटना : राजधानी के बाद जिलों के एेतिहासिक व आर्कियोलॉजिकल दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण भवनों को सुरक्षित रखने के लिए उसकी रेट्रोफिटिंग (भूकंपरोधी) तकनीक से मरम्मत की जायेगी. सरकार दरभंगा मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल के सर्जिकल वार्ड की रेट्रोफिटिंग करायेगी, ताकि सामान्य रेक्टर स्केल पर भूकंप आने पर […]
दरभंगा, सुपौल व सीतामढ़ी में जल्द शुरू होगा काम
पटना : राजधानी के बाद जिलों के एेतिहासिक व आर्कियोलॉजिकल दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण भवनों को सुरक्षित रखने के लिए उसकी रेट्रोफिटिंग (भूकंपरोधी) तकनीक से मरम्मत की जायेगी. सरकार दरभंगा मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल के सर्जिकल वार्ड की रेट्रोफिटिंग करायेगी, ताकि सामान्य रेक्टर स्केल पर भूकंप आने पर भी अस्पताल भवन क्षतिग्रस्त होने से बच सके.
साथ ही दरभंगा कमिश्नरी भवन का भी रेट्रोफिटिंग के लिए चयन किया गया है. इसके अलावा सीतामढ़ी व सुपौल जिले के कलेक्ट्रेट भवन, मधुबनी का जिला अस्पताल भवन भी इस सूची में शामिल है. भवन निर्माण विभाग ने पायलट प्रोजेक्ट के तहत ऐतिहासिक व आर्कियोलॉजिकल दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण भवनों की रेट्रोफिटिंग कराने का निर्णय लिया है.
इन जगहों पर काम पूरा होने के बाद अन्य जिले के महत्वपूर्ण भवनों की भी रेट्रोफिटिंग की जायेगी. पटना में राजभवन, राजकीय अतिथिशाला, मुख्यमंत्री आवास एक अणे मार्ग, पुराना सचिवालय भवन, सिंचाई भवन में रेट्रोफिटिंग काम होना है. फिलहाल मुख्यमंत्री आवास एक अणे मार्ग व राजकीय अतिथिशाला में रेट्रोफिटिंग का काम चल रहा है.
भूकंप जोन पांच के भवनों की होगी रेट्राेफिटिंग
विभागीय सूत्र ने बताया कि राज्य में रेक्टर स्केल पांच वाले जिलों में पड़नेवाले ऐतिहासिक महत्व के सरकारी भवनों की रेट्रोफिटिंग द्वारा भूकंपरोधी बनाने का काम होना है. इस दौरान पुराने भवनों की कला व उसकी डिजाइन को सुरक्षित रखने की योजना है.
विशेष सेल का हुआ गठन
विभाग ने ऐतिहासिक भवनों की रेट्रोफिटिंग के लिए विशेष सेल का गठन किया है. विभाग के दस प्रमंडलों केंद्रीय भवन प्रमंडल पटना, पटना सिटी भवन प्रमंडल, भवन प्रमंडल दरभंगा, भवन प्रमंडल मुजफ्फरपुर, भवन प्रमंडल पूर्णिया, भवन प्रमंडल सहरसा, भवन प्रमंडल मोतिहारी, भवन प्रमंडल गया, भवन प्रमंडल मुंगेर व भवन प्रमंडल आरा में विशेष सेल का गठन किया गया है.
जानकारों के अनुसार दरभंगा मेडिकल कॉलेज अस्पताल के सर्जिकल वार्ड का अभियंताओं ने निरीक्षण किया है. यह भवन काफी पुराना है.
रेट्रोफिटिंग एक तकनीक है, जिसमें मकान में दरारें आने पर संबंधित स्थान में स्टील की जाली लगायी जाती है. उसके ऊपर रेत से प्लास्टर किया जाता है. इसके बाद दरारें आनी बंद हो जाती हैं. काॅलम व बीम कमजोर होने पर सीमेंट, सरिया आदि का मानकों के अनुरूप प्रयोग कर मकान को सुरक्षित बनाया जाता है.
तैनात हुए अभियंता
सरकारी भवनों की रेट्रोफिटिंग द्वारा भूकंपरोधी बनाने की योजना के क्रियान्वयन के लिए गठित विशेष सेल में अभियंताओं की तैनाती हो गयी है. इसके लिए विभाग में 10 नये पदों का सृजन कर अभियंता तैनात किये गये हैं.
विभाग के आधिकारिक सूत्र ने बताया कि पायलट प्रोजेक्ट के तहत चयनित भवनों की रेट्रोफिटिंग काम होना है. इसके बाद संपन्न हुए काम का विशेषज्ञ द्वारा इसकी जांच होगी. काम सही होने पर पूरे राज्य में महत्वपूर्ण भवनों की रेट्रोफिटिंग की जायेगी.
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